ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के भविष्य को लेकर छिड़ी लड़ाई में उस समय कांग्रेस में एक अजीबोगरीब मोड़ आ गया जब निचले सदन के नेता ने कहा कि सीनेटर महाभियोग पर मतदान नहीं कर सकते जबकि सीनेट के नेता ने जोर देकर कहा कि वे ऐसा करेंगे।

ब्राजील के राजनीतिक नाटक में नया अध्याय सोमवार (9 मई) को तब शुरू हुआ जब चैंबर ऑफ डिप्टीज के कार्यवाहक स्पीकर ने घोषणा की कि उन्होंने उनके अपने सहकर्मियों द्वारा पिछले महीने दिए गए उस बहुमत को रद्द कर दिया है जिसने रोसेफ को सत्ता से बाहर करने और राष्ट्रपति के खिलाफ संभावित मुकदमे के लिए सीनेट में मामला भेजने का समर्थन किया था।

कार्यवाहक स्पीकर वाल्दिर मारनहाओ के हैरान कर देने वाले इस कदम की वैधता और इसके संभावित परिणामों को लेकर बहस छिड़ गई है। इस निर्णय से पैदा हुए गतिरोध को संभवत: देश का सुप्रीम कोर्ट सुलझाएगा।

सीनेट के अध्यक्ष रीनन कैलहीरोस ने सहकर्मियों से कहा कि वह मारनहाओ के कदम को नजरअंदाज करने और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्यवाही के साथ आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने स्पीकर के कदम की आलोचना करके इसे ‘‘लोकतंत्र के साथ खिलवाड़’’ बताया।