अमेजन के जंगलों में लगी आग के मुद्दे पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। अब ब्राजीली राष्ट्रपति ने कुछ ऐसा कर दिया है, जिससे फ्रांसिसी राष्ट्रपति मैक्रॉन बेहद नाराज हो गए हैं। दरअसल ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने फ्रांसिसी राष्ट्रपति की पत्नी को लेकर टिप्पणी की है, जिसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने ‘बेहद अपमानजनक’ करार दिया है।
बता दें कि हाल ही में फ्रांस के बैरिट्ज में G-7 सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति भी शामिल हुए। इस सम्मेलन के दौरान की तस्वीरों को लेकर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स बनाए। एक मीम्स में इमैनुएल मैक्रॉन अपनी पत्नी ब्रिगेट मैक्रॉन के साथ खड़े हैं, वहीं तस्वीर के एक हिस्से में ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो अपनी पत्नी के साथ दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स ने दोनों नेताओं की पत्नी को लेकर तुलना करते हुए लिखा कि इमैनुएल मैक्रॉन थोड़े ईर्ष्यालु नजर आ रहे हैं।
इस फेसबुक पोस्ट पर ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने कमेंट कर लिखा कि “व्यक्ति को बेइज्जत ना करें…हा हा।” बोल्सोनारो की इस टिप्पणी से ही इमैनुएल मैक्रॉन काफी नाराज हुए हैं। बता दें कि फ्रांसिसी राष्ट्रपति की पत्नी ब्रिगेट मैक्रॉन 66 साल की हैं और इमैनुएल मैक्रॉन से कई साल बड़ी हैं।
इमैनुएल मैक्रॉन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति पर तीखा हमला बोला और कहा कि उन्होंने मेरी पत्नी के बारे में कठोर टिप्पणी की है। इससे बोल्सोनारो खुद और ब्राजील के लोग दुखी होंगे। मैक्रॉन ने कहा कि इस टिप्पणी से ब्राजील की महिलाएं शर्म महसूस कर रहीं होंगी।
ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोल्सोनारो अमेजन के जंगल में लगी आग को लेकर विश्व भर में आलोचना का सामना कर रहे हैं।
इससे पहले भी उन्होंने विपक्षियों और सहयोगियों का मजाक उड़ाने से लेकर महिलाओं, अश्वेत और समलैंगिकों के खिलाफ लगातार अपमानजनक टिपप्णी की थी। यहां तक कि वह 1964-1985 के बीच देश में तानाशाही सत्ता की तारीफ भी कर चुके हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी उनके बयानों की वजह से इतने बड़े स्तर पर उनकी आलोचना नहीं हुई थी।
धुर दक्षिणपंथी नेता शुरुआत में तो अमेजन के जंगलों में सैंकड़ों आग की घटनाओं को पहले खारिज ही करते रहे और उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ता समूहों के ऊपर ही आरोप लगा दिया कि सरकार की विश्वसनीयता को धूमिल करने के लिए इन्ही समूहों ने आग लगाई है। बोल्सोनारो पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने विकास कार्यों के लिए पर्यावरण नियमों में ढील दी।