बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (BGB) के हथियारबंद जवान मेघालय के मुक्तापुर गांव में घुसे और उन्होंने भारतीय गांववालों को एक रास्ते के निर्माण को रोकने के लिए कहते हुए धमकाया। स्थानीय नागरिकों ने सोमवार को इस बात की शिकायत की है। मामला शनिवार का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजीबी जवानों के घुसने से मुक्तापुर गांव में डर और बेचैनी का माहौल है।
बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल कुलदीप सैनी ने इस मामले में पूरी रिपोर्ट मंगवाई है। उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात नियंत्रण में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक स्थानीय नागरिक ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि गांव के अंदर बन रही एक सड़क को लेकर बीजीबी जवान कैसे भारतीय क्षेत्र में घुसकर उन्हें धमका सकते हैं? उसने यह भी आरोप लगाया कि घटना के वक्त बीएसएफ के जवान मूकदर्शक बने रहे।
आईजी सैनी ने बीजीबी जवानों के भारतीय गांव में घुसने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मेघालय में बांग्लादेश से सटी सीमा पर सभी बॉर्डर आउटपोस्ट को अलर्ट कर दिया गया है और बीजीबी की घुसपैठ की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, मुक्तापुर गांव के लोगों को यह डर सता रहा है कि बांग्लादेशी जवान देर रात आकर उन्हें परेशान कर सकते हैं।
बता दें कि मुक्तापुर पायरदिवाह गांव के पूर्व में 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यही वो गांव है, जिस पर 2001 में बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने कुछ दिनों के लिए कब्जा कर लिया था। उनका कहना था कि यह गांव बांग्लादेश का हिस्सा है। हालांकि, भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था। मेघालय से बांग्लादेश से सटी सीमा की लंबाई 443 किमी है। इसका काफी हिस्सा पहाड़ी और बाड़ा रहित है, जिसकी वजह से घुसपैठ की आशंका बनी रहती है।