इजराइल और फिलिस्तीन आमने-सामने हैं। दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच जंग जैसे हालात हैं। फिलिस्तीन का हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन मानता है) लगातार इजराइल की राजधानी तेल अवीव, एश्केलोन और होलोन शहर को निशाना बना रहा है। हमास ने अपने कब्जे वाले इलाके गाजा पट्टी से इजराइल के शहरों पर रॉकेट दाग रहा है। येरूशलम पर हमले के जवाब में इजराइली वायुसेना ने हमास के कब्जे वाले गाजा पट्टी पर हमला कर वहां की एक 13 मंजिला इमारत को निशाना बनाया गया। इजराइल का कहना है कि इस बिल्डिंग में हमास की राजनीतिक शाखा का दफ्तर था। इस संघर्ष में कई लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में एक भारतीय नर्स भी शामिल है। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच अरसे से संघर्ष चल रहा है। 1948 में इजराइल की आजादी के बाद से ही अरब देश और इजराइल कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। विवाद की ताजा वजह इजराइल द्वारा शेख जर्राह को खाली कराया जाना है। शेख जर्राह पूर्वी येरूशलम का इलाका है, जहां से इजराइल फिलिस्तीनी परिवारों को हटाकर यहूदी लोगों को बसा रहा है। फिलिस्तीनी लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
येरूशलम विवाद क्या है
येरूशलम मुसलिम, ईसाई और यहूदी- तीनों धर्म मानने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां अल-अक्सा मस्जिद है। मुसलिमों का मानना है कि पैगंबर मोहम्मद मक्का से यहीं आए थे। इस मस्जिद के पास डोम ऑफ रॉक भी है। मुस्लिमों के अनुसार यहीं से पैगंबर मोहम्मद ने स्वर्ग की यात्रा की थी। मक्का और मदीना के बाद मुसलिम इसे तीसरी सबसे पवित्र जगह मानते हैं। येरूशलम में ईसाइयों का पवित्र द चर्च ऑफ द होली सेपल्कर भी है। दुनिया भर के ईसाइयों का मानना है कि ईसा मसीह को इसी जगह पर सूली पर चढ़ाया गया था और यही वह स्थान भी है, जहां ईसा फिर से जीवित हुए थे। येरूशलम में एक वेस्टर्न वॉल है। यहूदियों का कहना है कि यहां कभी उनका पवित्र मंदिर था और यह दीवार उसी की बची हुई निशानी है। यहीं पर यहूदियों की सबसे पवित्र जगह होली ऑफ होलीज है। यहूदी मानते हैं कि यहीं पर इब्राहिम ने अपने बेटे इसाक की कुर्बानी दी थी।
कितना पुराना संघर्ष
ये संघर्ष कम से कम 100 साल पहले से चला आ रहा है। फिलहाल जहां इजराइल है, वहां कभी तुर्की का शासन था, जिसे ओटोमान साम्राज्य कहा जाता था। 1914 में पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ। तुर्की ने इस विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों के खिलाफ वाले देशों का साथ दिया। मित्र राष्ट्रों में ब्रिटेन भी शामिल था। लिहाजा तुर्की और ब्रिटेन आमने-सामने आ गए। उस समय ब्रिटिश साम्राज्य अपने चरम पर था जिसका नतीजा ये हुआ कि ब्रिटेन ने युद्ध जीता और ओटोमान साम्राज्य ब्रिटेन के कब्जे में आ गया। इस समय तक जियोनिज्म की भावना चरम पर थी। ये एक राजनीतिक विचारधारा थी, जिसका उद्देश्य एक अलग और स्वतंत्र यहूदी राज्य की स्थापना करना था। इसी के कारण दुनियाभर से यहूदी फिलिस्तीन में आने लगे। 1917 में ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स बेलफोर ने एक घोषणा की जिसमें कहा गया कि ब्रिटेन फिलिस्तीन को यहूदियों की मातृभूमि बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कैसे शुरू हुआ टकराव
रमजान महीने के आखिरी शुक्रवार को येरूशलम की मस्जिद अल-अक्सा में काफी संख्या में मुसलिम लोग नमाज अदा करने इकट्ठा हुए थे। नमाज के बाद ये लोग शेख जर्राह को खाली कराए जाने के विरोध में प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन हिंसक हो गया और इस दौरान इजराइली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच झड़प हुई। रमजान के शुरू होने के बाद से ही इजराइली पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच झड़प की खबरें आने लगीं। आम दिनों के मुकाबले रमजान में मस्जिद अल-अक्सा में आने वाले मुस्लिमों की संख्या ज्यादा होती है।
इजराइली पुलिस ने येरुशलम शहर के दमास्कस गेट पर अवरोधक लगा दिए थे। मुसलिमों का कहना था कि ये उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को रोकने की कोशिश है। बढ़ते विरोध को देखते हुए पुलिस ने वहां से अवरोधक हटा तो दिए, लेकिन माहौल बिगाड़ने में ये भी एक प्रमुख कारण रहा। विवाद की एक और वजह येरूशलम-डे को भी बताया जा रहा है। दरअसल येरूशलम-डे 1967 के अरब-इजराइल युद्ध में इजराइल की जीत के जश्न के तौर पर मनाया जाता है। इजराइल ने इस युद्ध को छह दिन में ही जीत लिया था और पूर्वी येरूशलम पर कब्जा किया था। इस साल 10 मई को येरूशलम-डे मनाया गया। इस दिन इजराइली लोग येरूशलम में वेस्टर्न वॉल तक जाकर प्रार्थना करते हैं। वेस्टर्न वॉल को यहूदियों का पवित्र स्थल माना जाता है। इस यात्रा के दौरान भी हिंसक झड़पें हुईं।
फिलिस्तीन और इजराइल क्या चाहते हैं
फिलिस्तीन का कहना है कि इजराइल 1967 से पहले की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक वापस लौट जाए और वेस्ट बैंक तथा गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो। साथ ही इजराइल पूर्वी येरूशलम से अपना दावा छोड़े, क्योंकि फिलिस्तीन आजाद होने के बाद उसे अपनी राजधानी बनाना चाहता है। दूसरी ओर, इजराइल ने हमेशा से फिलिस्तीन की मांगों को सिरे से नकारा है। इजराइल येरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है। उसका कहना है कि येरूशलम हमारी राजधानी है और ये इजराइल का अभिन्न अंग है।
विवाद वाले इलाके कौन से
वेस्ट बैंक : वेस्ट बैंक इजराइल और जॉर्डन के बीच में है। इजराइल ने 1967 के युद्ध के बाद इसे अपने कब्जे में कर रखा है। इजराइल और फिलिस्तीन दोनों ही इस इलाके को अपना बताते हैं।
गाजा पट्टी: गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना को वापस बुला लिया था। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
गोलन हाइट्स : राजनीतिक और रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण ये इलाका सीरिया का एक पठार है। 1967 के बाद से ही इस पर इजराइल का कब्जा है। इस इलाके में कब्जे के विवाद को लेकर कई बार शांति वार्ता की कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।