दशकों से अटलांटिक महासागर में वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बने बरमूडा ट्राइएंगल की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया गया है। इस रहस्य ने अब तक कम से कम 75 विमानों, 100 से ज्यादा जहाजों को लील लिया है जिसमें कम से कम 1000 लोगों की जान जा चुकी है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हेक्सागोनल बादल की वजह से वहां ऐसी हरकतें होती हैं। बीते 100 साल में बरमूडा ट्राइएंगल के आसपास करीब 100 से ज्यादा छोटे-बड़े पानी के जहाज गायब हुए हैं जिन पर सवार 1000 से ज्यादा लोग कभी वापस नहीं आए। कई लोगों ने इस रहस्य की वजह से वहां एलियन होने की थ्योरी को भी जन्म दिया था।
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इन बादलों को Hexagonal clouds नाम दिया है। ये हवा में एक बम विस्फोट की मौजूदगी के बराबर शक्ति रखते हैं और इनके साथ 170 मील प्रति घंटा की रफ़्तार वाली हवाएं होती हैं। ये बादल और हवाएं मिलकर पानी और हवा में मौजूद जहाजों से टकराते हैं जो फिर कभी नहीं मिलते। 500,000 वर्ग किलोमीटर में फैला ये इलाका पिछले कई दशकों से बदनाम रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम की चरम अवस्था की वजह उपजी बेहद तेज रफ़्तार वाली हवाएं ही ऐसे बादलों को जन्म देती हैं। ये बादल देखने में बेहद अजीब होते हैं। एक बादल का दायरा कम से कम 45 फीट तक होता है। इनके भीतर एक बेहद शक्तिशाली बम से भी ज्यादा ऊर्जा होती है।
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डेली मेल ने मौसम वैज्ञानिक रैंडी कैरवेनी के मुताबिक लिखा है कि ये बादल ही बम विस्फोट जैसी स्थिति पैदा करते हैं जिससे इनके आस-पास की सभी चीज़ें बर्बाद हो जाती हैं। मौसम वैज्ञानिक रैंडी कैरवेनी कहते हैं कि ये हवाएं इन बड़े-बड़े बादलों का निर्माण करती हैं जो एक विस्फोट की तरह समुद्र के पानी से टकराते हैं और सुनामी से भी ऊंची लहरें पैदा करते हैं जो आपस में टकराकर और ज्यादा ऊर्जा पैदा करती हैं। इस दौरान ये अपने आस-पास मौजूद सब कुछ बर्बाद कर देते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये बादल बरमूडा आइलैंड के दक्षिणी छोर पर पैदा होते हैं और फिर करीब 20 से 55 मील का सफ़र तय करते हैं।
गौरतलब है कि सदियों से चर्चा का विषय रहे इस त्रिकोण के क्षेत्रफल को लेकर भी तरह-तरह की बातें कही और लिखी गई हैं। इस मसले पर शोध कर चुके कुछ लेखकों ने कहा कि इसकी परिधि फ्लोरिडा, बहमास, सम्पूर्ण केरेबियन द्वीप तथा महासागर के उत्तरी हिस्से तक फैली है। इस इलाके से रोजाना कई जहाज निकलते हैं। यह दुनिया के सबसे व्यस्ततम समुद्री यातायात जलमार्ग है।

