अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की मुस्लिमों का अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित करने और अमेरिका और अन्य देशों के बीच दीवारें बनाने से जुड़ी योजनाओं की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा करने से चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के प्रमुख सहयोगी अलग-थलग पड़ जाएंगे। ओबामा ने ट्रंप का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह जरूर स्पष्ट कर दिया कि वह रियल एस्टेट के दिग्गज ट्रंप के प्रचार अभियान और नीतिगत प्रस्तावों के बारे में क्या सोचते हैं। ओबामा ने अपने ये विचार कल रूटगर्स यूनिवर्सिटी में एक बेहद राजनीतिक दीक्षांत भाषण के दौरान व्यक्त किए। ओबामा ने ट्रंप के अमेरिका और मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के प्रस्तावों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘दुनिया पहले से कहीं ज्यादा अंतरसंबंधित हो रही है और इसका जुड़ाव प्रतिदिन बढ़ रहा है। दीवारें बनाने से वह बदलेगा नहीं।’

राष्ट्रपति ने स्नातकों से कहा कि वे उन लोगों के सामने उठ खड़े हों, जो कहते हैं कि अमेरिका पहले अच्छा था। ओबामा ने ऐसे लोगों से कहा कि वे अपने ज्ञान का प्रचार करें न कि अपनी अज्ञानता की शेखी बघारें। ओबामा ने लगभग 12 हजार स्नातकों से कहा, ‘राजनीति और जीवन में अज्ञानता कोई खूबी नहीं है।’ ओबामा ने कहा, ‘जब मैं स्नातक हुआ था, अमेरिका तब की तुलना में बेहतर है, दुनिया तब की तुलना में बेहतर है। जब मैं स्नातक हुआ, एक तरह से लौह पर्दा गिर गया। रंगभेद खत्म हो गया। ज्यादा लोकतंत्र आ गया। हमने पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म कर दिया। हमने भारी गरीबी को बहुत कम कर दिया। हम शिशुओं की मृत्युदर में भारी कमी लाए।’

उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘देखिए, एक राष्ट्रपति के रूप में, मेरी पहली जिम्मेदारी हमेशा से अमेरिका की सुरक्षा और समृद्धि है। और नागरिकों के रूप में, हम सभी अपने देश को पहले स्थान पर रखते हैं। लेकिन पिछले दो दशकों ने हमें यदि कुछ सिखाया है तो वह यह है कि सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना हम अलग-थलग रहकर नहीं कर सकते।’

ओबामा ने कहा, ‘जब किन्ही देशों का विघटन शुरू हो जाता है तो वे आतंकियों और विनाशवाद और निराशा के पनपने का ठिकाना बन जाते हैं। यह अंतत: हमारे तटों तक पहुंचता है। जब विकासशील देशों के पास सक्रिय स्वास्थ्य तंत्र नहीं होता तो जीका या इबोला जैसी महामारियां फैल सकती हैं और अमेरिका को भी संकट में डाल सकती हैं। कोई दीवार उसे रोक नहीं पाएगी।’

उन्होंने इस धारणा को भी चुनौती दी कि मुस्लिमों का अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा। ट्रंप ने दिसंबर में कुछ ऐसा ही प्रस्ताव दिया था। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुस्लिमों को अलग-थलग कर देने से या उनकी उपेक्षा करने से, इस देश में उनके आने पर उनके साथ अलग ढंग से व्यवहार करने का सुझाव देने से हमारे मूल्यों के साथ विश्वासघात होगा। यह हमारे अस्तित्व के साथ तो विश्वासघात होगा ही, यह देश और विदेश के उन समुदायों को विमुख कर देगा, जो चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में हमारे सबसे अहम सहयोगी हैं।’

ओबामा ने कहा, ‘सीमाओं पर कभी खत्म न होने वाली दीवार बनाने और अपनी चुनौतियों को प्रवासियों के सिर मढ़ देने का सुझाव न सिर्फ हमारे विभिन्नताओं के समावेश वाले इतिहास के खिलाफ जाता है बल्कि यह इस साक्ष्य के भी विपरीत है कि हमारा विकास, नवाचार और हमारी गतिशीलता को हमेशा से दुनिया के कोने-कोने से लोगों को यहां आकर्षित करने की हमारी काबिलियत से बढ़ावा मिला है।’