अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की आगामी भारत यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में ‘‘फलदायी क्षण’’ बताते हुए अमेरिका ने कहा है कि इससे दोनों देशों के रिश्तों की ‘असाधारण’ क्षमताओं’ को हकीकत में बदलने की प्रतिबद्धताओं के बारे में विश्व को एक ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ संदेश जाएगा।
ओबामा के घनिष्ठ विश्वासपात्र और राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार बेन रोड्स ने कहा है कि यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत के साथ अमेरिका का ‘‘एजेंडा विस्तार’’ पा रहा है और अमेरिका को उम्मीद है कि राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का ‘‘तालमेल’’और उनके निजी संबंध देश के लिए ‘‘सकारात्मक नतीजे ’’ला सकते हैं।
ओबामा की 25 जनवरी से शुरू हो रही तीन दिवसीय भारत यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए रोड्स ने यह भी कहा कि दोनों देश अपने संबंधों की अभूतपूर्व क्षमताओं को अपने लोगों के लिए ठोस लाभों में बदलना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर मोदी द्वारा बतौर मुख्य अतिथि ओबामा को निमंत्रण देने से व्हाइट हाउस आश्चर्यचकित रह गया था। दोनों नेताओं के बीच 25 जनवरी को वार्ता होने की संभावना है।
रोड्स ने कहा, ‘‘निमंत्रण के बारे में, मैं समझता हूं कि इससे हमें कुछ आश्चर्य हुआ था।’’ उन्होंने कहा कि ऊर्जा नीति और जलवायु परिवर्तन वार्ता एजेंडे में शीर्ष पर होंगे क्योंकि अमेरिकी वार्ताकार दिसंबर में पेरिस में होने वाली संयुक्त राष्ट्र शिखर बैठक से पूर्व एक अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौते को लेकर बुनियादी काम पूरा कर लेना चाहते हैं।
रोड्स ने दोनों पक्षों के बीच की वार्ताओं में अर्थव्यवस्था, रक्षा, क्षेत्रीय तथा वैश्विक विषयों को महत्वपूर्ण मुद्दे बताया। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, इस रिश्ते में अभूतपूर्व क्षमताएं हैं। हम इस क्षमता को हमारे लोगों के लिए ठोस लाभ में बदलना चाहते हैं। और इसलिए यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत के साथ हमारा एजेंडा विस्तार पा रहा है।’’
रोड्स ने कहा, ‘‘हमारा मकसद इस संबंध को वहां से एक अलग स्तर पर ले जाना है जहां ये राष्ट्रपति बराक ओबामा के पदभार ग्रहण करने के समय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार ग्रहण करने के समय थे। हमारा यह मानना है कि उस प्रकार की सफलता को हासिल करने के लिए हमारे पास यह एक अनोखा क्षण है।’’
पिछले वर्ष मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 29-30 सितंबर को व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार बेन रोड्स ने कहा है कि दोनों के बीच ‘‘अच्छा तालमेल’’ है जो दोनों देशों के लिए बेहतर है।
रोड्स ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसलिए हमें उम्मीद है कि दोनों नेताओं के बीच जो तालमेल है और जो निजी संबंध हैं उससे हमारे देश को सकारात्मक नतीजे मिल सकते हैं। इसलिए इस देश, इसके नेता और भारत की जनता के साथ रिश्तों में निवेश करना फायदेमंद है।’’
गणतंत्र दिवस को एक ‘‘अनोखा’’अवसर बताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने वाले ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं और इससे विश्व को और अमेरिकी एवं भारतीय जनता को एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश जाता है कि दोनों देश इस रिश्ते की क्षमताओं को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजैन राइस, प्रभावशाली कारोबारी नेता और भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा सहित कुछ सांसद भी शामिल होंगे।
राइस के अलावा ओबामा के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल में वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रिट्जकर, अमेरिकी वाणिज्य प्रतिनिधि माइक फ्रोमेन तथा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर राष्ट्रपति के सलाहकार जॉन पोडेस्टा भी शामिल होंगे।
रोड्स ने बताया कि ओबामा के साथ उनकी पत्नी मिशेल भी भारत यात्रा पर जाएंगी लेकिन उनकी बेटियां 16 वर्षीय साशा और 13 वर्षीय मालिया नहीं जा सकेंगी, क्योंकि वे तभी अपने माता पिता के साथ यात्रा पर जाती हैं जब उनके स्कूल की छुट्टियां होती हैं।