अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को देशवासियों से अपील की कि वे ऐसी राजनीति को खारिज करें जो लोगों को धर्म और नस्ल के आधार पर निशाना बनाती है। अपने आखिरी ‘स्टेट आॅफ यूनियन’ संबोधन में उन्होंने मुसलिम विरोधी बयानों के लिए डोनाल्ड ट्रम्प जैसे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदारों पर निशाना साधा। ओबामा ने चेताया कि अलकायदा और आइएस- दोनों से ही अमेरिका को सीधा खतरा है। अमेरिका की उम्मीद भरी तस्वीर पेश करते हुए उन्होंने अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवित होने और नस्ली असमानता के बावजूद विश्व में बेहतर स्थान रखने का जिक्र किया।
अमेरिका के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने करीब घंटे भर के अपने संबोधन में कहा-‘हमें ऐसी कोई भी राजनीति खारिज करने की जरूरत है, जिसमें लोगों को नस्ल या मजहब के कारण निशाना बनाया जाता है।’ पूरे संबोधन के दौरान ओबामा के लिए कम से कम 64 बार तालियां बजीं। उन्होंने कहा-‘जब राजनेता मुसलिमों का अपमान करते हैं, जब किसी मस्जिद में तोड़फोड़ होती है या बच्चे को धमकाया जाता है तो इससे हम सुरक्षित नहीं होते। यह बिल्कुल गलत है। इससे दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। इससे हमारे लिए लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल हो जाता है और इससे एक देश के तौर पर हम छले जाते हैं।’
ओबामा ने कहा कि बेहतर राजनीति का मतलब यह नहीं है कि हर बात के लिए सहमत हुआ जाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा देश है, जिसके अलग-अलग क्षेत्र हैं, अलग-अलग परंपराएं और हित हैं। पर साथ ही ये हमारी एक ताकत भी है। ओबामा ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें जो पछतावा रहा, उनमें एक यह भी है कि एकता और मरहम लगाने के संदेश को उनके द्वारा अपनाने के बाद अमेरिकी राजनीति ज्यादा विभाजित व आक्रामक हो गई। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि लिंकन और रूजवेल्ट जैसा राष्ट्रपति इस विभाजन को बेहतर तरीके से दूर कर सकता था और मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि जब तक मैं इस पद पर हूं, मैं बेहतर बनने की कोशिश करता रहूंगा।
राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित दुनिया के कई हिस्सों में दशकों तक अस्थिरता जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अलकायदा और आइएस दोनों से ही अमेरिका को सीधा खतरा है। अमेरिका की विदेश नीति आइएस और अलकायदा से खतरे पर केंद्रित होनी चाहिए। ओबामा बोले कि आइएस के बिना भी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, पश्चिम एशिया में, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में, मध्य अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के हिस्सों में दशकों तक अस्थिरता बनी रहेगी। इनमें से कुछ जगहें नए आतंकी नेटवर्कों के लिए पनाहगाह बन सकती हैं। अलकायदा और आइएस दोनों से ही हमारे लोगों को सीधा खतरा है। ओबामा का संबोधन इस बार नई नीतियों की घोषणा करने के बजाय अपनी विरासत को मजबूत बनाने पर केंद्रित था।
इस बीच, राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन दावेदार डोनाल्ड ट्रम्प ने ओबामा के संबोधन को ‘उबाऊ’ और ‘गैर-मौलिक’ बता कर खारिज कर दिया। उन्होंने देर रात एक ट्वीट में कहा- मैंने लंबे समय के बाद ऐसा उबाऊ भाषण सुना है। प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पाल रयान ने भी ओबामा की टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा-‘आम तौर पर राष्ट्रपति यथार्थ से टकराव के बजाय लोगों की धारणा को मजबूत बनाते हैं। उनकी नीतियां काम नहीं कर रही हैं। उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि आइएस को कैसे हराया जाए।