Munni Saha Dhaka News: राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता का सामना कर रहे बांग्लादेश से एक और डरा देने वाली खबर सामने आई है। बांग्लादेश में एक महिला पत्रकार को भीड़ ने घेर लिया और बंधक बना लिया। यह घटना शनिवार शाम को राजधानी ढाका में हुई। महिला पत्रकार का नाम मुन्नी साहा है। उन पर आरोप लगाया गया कि वह भारत की एजेंट हैं और मुल्क की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की समर्थक हैं।

याद दिलाना होगा कि इस साल अगस्त के महीने में बांग्लादेश में राजनीतिक हालात बहुत तेजी से बदले थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को मुल्क छोड़कर बाहर जाना पड़ा था। बांग्लादेश में पिछले दिनों लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले होने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

जब यह घटना हुई तो वरिष्ठ पत्रकार मुन्नी साहा एक मीडिया दफ्तर से बाहर निकल कर कार से जा रही थीं। लेकिन तभी उनकी कार को भीड़ ने घेर लिया, उनके साथ गाली-गलौज की और उन पर तमाम गंभीर आरोप लगाए।

मुन्नी साहा पर आरोप लगाया गया कि वह गलत सूचनाएं फैला रही हैं और बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रही हैं।

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पुलिस ने पत्रकार को भीड़ से बचाया

हालत को बिगड़ते हुए देख ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। महिला पत्रकार की कार को पुलिस सुरक्षा में ले जाया गया। इस दौरान भीड़ उनके खिलाफ नारे लगाती रही। ऐसी भी खबरें आई कि पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस ने कहा है कि इस घटना के दौरान पत्रकार को घबराहट का दौरा भी पड़ा और वह बीमार पड़ गईं।

पुलिस ने बताया है कि मुन्नी साहा के खिलाफ चार मामले चल रहे हैं और अगर वह इन मामलों में जमानत चाहती हैं तो उन्हें अदालत के सामने जाना होगा। हालांकि महिला पत्रकार को परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की, इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है।

बांग्लादेश में पिछले दिनों लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले होने की घटनाएं भी सामने आई हैं और इसे लेकर भारत की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराया जा चुका है।

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हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमले

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से ही हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की लगातार खबरें सामने आ रही हैं। इसके साथ ही राजद्रोह के आरोप में इस्कॉन बांग्लादेश से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भी अच्छा-खासा तनाव चल रहा है। चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों में कई मंदिरों को निशाना बनाया गया है। चटगांव में शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कट्टरपंथियों की ओर से हिंदू मंदिरों में फिर से तोड़फोड़ की गई है।

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