बांग्लादेश में व्यापक हिंसा का दौर लगातार जारी है। हालात ऐसे हो गए हैं कि अब मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही द डेली स्टार और प्रथम आलो के दफ्तरों पर हमले किए गए। आरोप है कि पत्रकारों को जिंदा जलाने की साजिश तक रची गई।

इसी बीच, वरिष्ठ पत्रकार और Editors’ Council of Bangladesh के अध्यक्ष Nurul Kabir ने हालात को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। एडिटर्स काउंसिल ऑफ बांग्लादेश और Newspaper Owners’ Association of Bangladesh के संयुक्त आयोजन में हुए एक विरोध प्रदर्शन में नूरुल कबीर भी शामिल हुए।

इस दौरान नूरुल कबीर ने कहा कि हालिया हमले सिर्फ मीडिया संस्थानों पर नहीं थे, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि जब पत्रकार अपना काम कर रहे हों और उसी समय किसी अखबार के दफ्तर में आग लगा दी जाए, फिर दमकल कर्मियों को मौके पर जाने से रोका जाए, तो इससे साफ हो जाता है कि हमलावरों की मंशा क्या थी। उनके मुताबिक, हमलावरों का उद्देश्य हिंसा के जरिए असहमति रखने वालों को जान से मारना है।

नूरुल कबीर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त किया गया, तो पत्रकारिता ही नहीं, बल्कि समाज की लोकतांत्रिक भाषा भी कमजोर पड़ जाएगी। इस विरोध प्रदर्शन में Bangladesh Nationalist Party के महासचिव Mirza Fakhrul Islam Alamgir भी शामिल हुए। उन्होंने पत्रकारों के दफ्तरों पर हुए हमलों को लोकतंत्र की हत्या करार दिया और सभी से इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की।

वहीं, International Crisis Group के अध्यक्ष Mahbubur Rahman ने भी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी लोकतंत्र में स्वतंत्रता नहीं बचेगी, तो लोकतंत्र कभी फल-फूल नहीं सकता। गौरतलब है कि उस्मान हाजी की हत्या के बाद से ही बांग्लादेश में हालात बेकाबू बने हुए हैं। हिंसा की घटनाओं में कई लोगों की मौत हो चुकी है, जगह-जगह आगजनी देखने को मिली है और हालात काबू में करने के लिए पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा है।

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