बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है, अंतरिम सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन स्थिति ऐसी है कि अभी भी जमीन पर तनाव देखने को मिल रहा है। अब बांग्लादेश के इस बवाल के केंद्र में दो लड़के हैं जिन्होंने ना सिर्फ हसीना सरकार को उखाड़ फेंका बल्कि अब अंतरिम सरकार में सबसे युवा सलाहकार का तमगा भी उन्हें दिया गया है। इन दो लड़कों का नाम है नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद जिन्होंने शुरुआत से ही इस आंदोलन की अगुवाई की थी।
बांग्लादेश हिंसा: दो लड़कों की कहानी
आंदोलन के वक्त पुलिस ने जब छात्रों पर बल प्रयोग किया, सबसे बुलंद आवाज इन छात्रों की ही थी। जब सब हिम्मत हारने लगे थे, इन दो लड़कों ने सरकार के सामने ना झुकने की कसम खाई। अब इस हिम्मत को लेकर छात्रों में तो उत्साह था, लेकिन प्रशासन ने उनके खिलाफ एक्शन लेने की ठानी। इसी वजह से जब बांग्लादेश में पहली बार कर्फ्यू लगा था, पुलिस ने इन दोनों ही युवाओं को उठा लिया, खूब टॉर्चर किया और फिर अदमरी हालत में सड़क पर छोड़ दिया।
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शेख हसीना को हटाने में क्या भूमिका?
अब बाद में उनका अस्पताल में इलाज हुआ, कई दिनों तक दोनों दर्द में रहे, लेकिन हिम्मत ऐसी थी कि झुकने का कोई मन नहीं था। इसी वजह से ठीक होते ही दोनों अनशन पर बैठ गए। उनके विरोध का आधार पुलिस का वो अत्याचार था जो छात्रों पर क्रूरता बनकर टूटा था। लेकिन तब तक हसीना सरकार को हटाने की बात नहीं हुई थी, यह मांग तो तब जोर पकड़ी जब पुलिस टॉर्चर ने सारी सीमाएं लांग दी। इन दो बांग्लादेश के लड़कों ने ही सबसे पहले शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की थी और उसी वजह से नेरेटिव बदला और अंत में देश की प्रधानमंत्री पूर्व पीएम बनकर रह गई।
अंतरिम सरकार में क्या रोल रहेगा?
जानकारी के लिए बता दें कि नाहिद ने तो ढाका यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में मास्टर्स किया है, दूसरी तरफ आसिफ ने Ganotantrik Chhatra Shakti के संयोजक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई। बड़ी बात यह है कि सामन्य परिवारों से आने वाले यह दोनों ही लड़के अब सबसे युवा सलाहकार बन चुके हैं, अंतरिम सरकार उनकी बातें भी सुनी जाएंगी, उनके विचारों का सम्मान होगा।