बांग्लादेश में आज नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण होगा। बांग्लादेश की राजनीति के लिए बीता पूरा हफ्ता काफी चुनौतियों से भरा रहा है। ऐसे में सेना एक स्थिर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। मोहम्मद यूनुस ने देशभर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे से शुरू हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना ने पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और अब वह भारत में हैं। इस दौरान सेना ने मोर्चा संभाला और अंतरिम सरकार बनाने की बात कही थी।
‘मैं सभी से शांति से रहने की अपील करता हूं’
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार बनाने की ज़िम्मेदारी देने की मांग आंदोलन कर रहे छात्रों ने की थी। उन्होंने पहले इसे स्वीकार नहीं किया लेकिन काफी चर्चा के बाद वह राजी हो गए। मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की आवाम के नाम एक अपील जारी करते हुए कहा, “मैं सभी से शांत रहने की अपील करता हूँ। सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहें।” वह पेरिस से बांग्लादेश पहुंच गए हैं। मोहम्मद यूनुस ने पेरिस से निकलते हुए कहा था कि वह देश में जाकर हालात का जायज़ा लेंगे और देखेंगे कि कैसे सभी को संगठित कर सकते हैं।
क्या हालात पर काबू कर पाएंगे मोहम्मद यूनुस
बांग्लादेश की राजनीति में लंबे वक़्त से शेख हसीना केंद्र रहीं। उनके देश छोड़ देने के बाद हालात किस ओर जाएंगे यह कहना किसी के लिए भी काफी आसान नहीं है। बांग्लादेश में सियासी रुख क्या होगा? मोहम्मद यूनुस को लेकर विपक्षी दलों का रुख क्या होगा? यह स्थिति भी अभी साफ नहीं हो पाई है।
मोटे तौर पर देखें तो बांग्लादेश की सियासत में अब दो बड़ी पार्टियां पिक्चर में हैं। एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) यानी पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी और दूसरी जमात-ए-इस्लामी। पहले भी यह दोनों पार्टी गठबंधन के तौर पर सरकार में रह चुकी हैं।
ऐसे में आने वाले चुनावों या सरकार के गठन में इनकी भूमिका क्या और कैसी होगी यह एक बड़ा सवाल होने वाला है। हालात बदलने को लेकर सेना मोहम्मद यूनुस के साथ बातचीत कर रही है। सेना अध्यक्ष ने कहा, “मैंने प्रोफेसर यूनुस से बात की है। मुझे लगा कि वह यह काम करने के लिए उत्सुक हैं और मुझे यकीन है कि वह हमें एक अच्छी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की ओर ले जाने में सफल होंगे और हमें इससे फायदा होगा।”