Bangladesh News: बांग्लादेश से लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की खबर आ रही है। खबर है कि बड़ी संख्या में हिंदू जान बचाने के लिए बांग्लादेश छोड़कर भारत आना चाहता हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के इस्तीफे के बाद पूरे देश में हिंदुओं के घरों, व्यापारिक संस्थानों और मंदिरों पर हमले की खबरें आई हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बांग्लादेश हिंदू बुद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल के हवाले से बताया गया है कि देश के 64 में से 45 जिलों में हिंसा फैल गई है। इस हफ्ते हुई झड़पों में एक स्कूल शिक्षक की मौत हो गई जबकि 45 अन्य घायल हो गए।
आपको बता दें कि बांग्लादेश की 170 मिलियन जनसंख्या में से करीब 8% हिंदुओं की है। बांग्लादेश में हिंदू आमतौर पर शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के लिए वोट करते रहे हैं। आवामी लीग को बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टियों के मुकाबले सेक्युलर पार्टी माना जाता है।
भारत में हैं शेख हसीना
अब क्योंकि शेख हसीना इस समय भारत में हैं, ऐसे में दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ गई है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की सीमा के पास रहने वाले बांग्लादेशी हिंदू बॉर्डर क्रास करने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हें दोनों तरफ से प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर पश्चिमी बांग्लादेश के ठाकुरगांव जिले के एक लोकल सरकारी अधिकारी मोहम्मद रकीबुल हसन ने बताया कि बुधवार शाम को कुछ घरों पर अटैक और लूट के बाद करीब 700-800 हिंदुओं ने इलाका छोड़कर भागने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि लोकल लोगों द्वारा उन्हें सुरक्षा दिए जाने पर ही वे लौटे। उन्होंने बताया कि बॉर्डर गार्ड के सिपाही एरिया में पेट्रोलिंग कर रह ेहैं। अब सबकुछ ठीक है और हिंसा की और खबरें नहीं आई हैं।
बात अगर आज की करें तो जलपाईगुड़ी जिले से सटी सीमा पर करीब तीन सौ बांग्लादेशी बॉर्डर पॉइंट पर जमा हुए लेकिन बाद में उन्हें वहां से वापस भेज दिया गया है। सीमा पर भारतीय जवान भी लगातार हालात मॉनिटर कर रहे हैं।
ढाका से करीब एक घंटे की दूरी पर नरसिंगडी एरिया में एक हिंदू सुनार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनसे दो बांग्लादेशी युवाओं ने दस लाख टका प्रोटेक्शन मनी के तौर पर मांगे और वो तभी माने जब उन्हें एक लाख टका दे दिए गए। इस हिंदू सुनार ने हमले के डर से अपना नाम नहीं बताया।
बांग्लादेश का हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर क्या है रुख?
गुरुवार को बांग्लादेश लौटे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। उन्होंने यह तो नहीं बताया कि इस साजिश के पीछे कौन है लेकिन उन्होंने कहा कि उनका काम सभी की सुरक्षा करना है। उन्होंने कहा कि अगर आपको मुझपर भरोसा है तो कृपया यह तय करिए कि देश में किसी पर भी हमला न हो। उन्होंने कहा, “अगर आप इस मसले पर मुझे नहीं सुन सकते तो मेरे यहां होने का कोई फायदा नहीं।