बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के हटने के साथ ही अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए मुसीबतें बढ़ रही हैं। बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार, दुर्गा पूजा नजदीक आने के साथ ही कट्टरपंथी इस्लामी समूह त्योहार को खुले तौर पर मनाने का विरोध कर रहे हैं। ये कट्टरपंथी त्योहार के दौरान देशव्यापी छुट्टियों के खिलाफ हैं।

जी बांग्ला की खबर के अनुसार, हाल ही में कट्टरपंथी समूहों ने ढाका के सेक्टर 13 में एक मार्च भी निकाला, जिसमें हिंदुओं द्वारा दुर्गा पूजा के लिए खेल के मैदान के इस्तेमाल का विरोध किया गया। इंसाफ कीमकारी छात्र-जनता नामक एक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बांग्ला में तख्तियों पर लिखा था, “सड़कें बंद करके कहीं भी पूजा नहीं की जाएगी, मूर्ति विसर्जन से जल प्रदूषण नहीं होगा, मूर्तियों की पूजा नहीं की जाएगी।”

दुर्गा पूजा के लिए सार्वजनिक छुट्टियों का विरोध

संगठन ने तर्क दिया कि चूंकि हिंदू आबादी दो प्रतिशत से भी कम है इसलिए दुर्गा पूजा के लिए सार्वजनिक छुट्टियों की जरूरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे मुस्लिम बहुसंख्यकों का जीवन बाधित होता है। उनका यह भी दावा है कि धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए किसी भी मुस्लिम को हिंदू त्योहारों के समर्थन में शामिल नहीं होना चाहिए।

संगठन की मांग में बांग्लादेश में कई जमीन पर कब्जा करके बनाए गए मंदिरों को हटाना भी शामिल है। एक अन्य मांग में कहा गया है, “चूंकि भारत बांग्लादेश का राष्ट्रीय दुश्मन है इसलिए बांग्लादेश के हिंदू नागरिकों को भी भारत विरोधी होना चाहिए। इस कारण से, भारत विरोधी बैनर और भारत विरोधी नारे मंदिरों में रखे जाने चाहिए।”

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दुर्गा पूजा पर टेढ़ी नजर

इन घटनाओं से हिंदू समुदाय में चिंता बढ़ रही है, जो अत्यधिक तनाव के बीच दुर्गा पूजा मनाने की तैयारी कर रहा है। पिछली शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद समुदाय को हमलों का सामना करना पड़ा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से सुरक्षा के आश्वासन के बावजूद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विशेषकर खुलना जैसे जिलों में मंदिर में तोड़फोड़ और मूर्ति विध्वंस की रिपोर्टों ने चिंता बढ़ा दी है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया। उनके घरों में तोड़फोड़ की गई और मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हुई हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई। इतना ही नहीं शेख हसीना की पार्टी आवामी लीट से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई थी।