Bangladesh News: बांग्लादेश में रिजर्वेशन प्रणाली के खिलाफ शुरू हुए छात्रों के प्रदर्शन के बाद देश में अराजकता का माहौल फैल गया है। इसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच, बांग्लादेश में अब बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। भारी बारिश और भारत की तरफ से आने वाले पानी की वजह से फेनी के परशुराम, फुलगाजी और छगलनैया उपजिले पर बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हुआ है। आठ जिलों बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें सुनामगंज, मौलवीबाजार, हबीगंज, फेनी, चटगांव, नोआखली, कोमिला और खगराचारी का नाम शामिल है।

मुहुरी, कहुआ और सिलोनिया नदियों के तटों में दरार के कारण सभी दरारों से पानी बह रहा है। इसके बाद एक के बाद एक क्षेत्र में पानी भरते ही जा रहा है। जब घरों और सड़कों पर जलभराव हो जाता है तो लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बांग्लादेशी सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना और कोस्ट गार्ड से मदद का आग्रह किया गया है। स्पीडबोट्स और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है।

बीजीबी मदद के लिए आगे आई

इसके अलावा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के सैंकड़ों वॉलंटियर बचाए गए लोगों को खाना समेत अन्य चीजें दे रहे हैं। दोपहर में आईएसपीआर ने एक बयान जारी कर कहा कि बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए फेनी के परशुराम और फुलगाजी में सेना को तैनात किया गया है। परशुराम उपजिले के अब्दुर रहमान ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में ऐसी भयंकर बाढ़ कभी नहीं देखी। समय के साथ बाढ़ की तेजी बढ़ने से स्थिति और भी बदतर होती जा रही है। लगातार बारिश की वजह से हालात खराब हो रहे हैं।

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रसेल नाम के एक वॉलिटियर ने कहा कि देश भर से अलग-अलग संगठन मदद को आगे आए हैं। हालांकि, पानी के तेज बहाव की वजह से परशुराम तक पहुंचना काफी आसान नहीं है। इसके बाद भी हमारे सदस्य अलग-अलग जगहों पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। लगातार बारिश के कारण हर तरफ पानी भर गया है। फेनी मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फेनी में तीन दिनों से मध्यम स्तर की बारिश जारी है।

48 घंटों के लिए इलाकों में भारी बारिश के आसार

बांग्लादेश मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48 घंटों में देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र और आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने के आसार हैं। बांग्लादेश के एडिशनल सेक्रेटरी केएम अली रजा ने कहा कि सिलहट, सुनामगंज, नेत्रकोना, मौलवीबाजार और हबीगंज की नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ डिजास्टर मेनेजमेंट एंड रिलीफ के जॉइट सेक्रेटरी मोहम्मद नजमुल आबेदीन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान के लिए पहले ही फंड जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा चावल और ड्राई फूड भी मुहैया कराया गया है।

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जिलों के गोदामों में ठीक-ठाक मात्रा में राहत सामग्री मौजूद है। जब हमारे सामने वास्तविक रिपोर्ट सामने आएगी तो उसी के आधार पर हम बाढ़ पीड़ितों को और भी ज्यादा मदद दे सकेंगे। वहां पर करीब 78 रिलीफ कैंप भी बनाए गए हैं और इसमें 1600 लोगों ने शरण ली है। इन सबमें अगर किसी जिले पर ज्यादा असर पड़ा है तो वह फेनी है।