बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव के लिए वोट डाले गए। इस दौरान छिटपुट हिंसा भी हुई और मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है। बांग्लादेश के चुनाव आयोग के मुताबिक वहां पर सिर्फ 40 फ़ीसदी मतदान हुआ है। वहीं 2018 के आम चुनाव में 80 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी।
कई जगह पर हुई हिंसा
चुनाव के दौरान कई मतदान केंद्रों पर देसी बम विस्फोट की खबर आई तो कई जगहों पर गोली भी चली। वहीं कई जगह से पथराव की घटना भी सामने आई है। 2000 से अधिक उम्मीदवारों ने आम चुनाव लड़ा है। 27 राजनीतिक दलों ने 1500 से अधिक उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं 436 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी किस्मत आजमाई है।
8 लाख से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती
127 विदेशी पर्यवेक्षकों ने आम चुनाव की निगरानी की है। वहीं चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के लिए 8 लाख से अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। उनके साथ उनकी बेटी भी मौजूद थीं।
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल ने कहा कि मतदान 40% हुआ है लेकिन अंतिम गिनती के बाद आंकड़ें बदल भी सकते हैं। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है और शुरुआती नतीजे सोमवार सुबह तक आने की उम्मीद है। बांग्लादेश में 300 सीटें हैं और 299 सीटों पर वोटिंग हुई है। एक सीट पर उम्मीदवार की मृत्यु के कारण मतदान नहीं हुआ।
क्या फिर से लौट रही हसीना सरकार?
बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। वहीं 40 फ़ीसदी मतदान ही हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष के ज्यादातर वोटर मतदान के लिए निकले ही नहीं है। अगर ऐसा होता है तो शेख हसीना एक बार फिर से चुनाव जीत सकती है और पांचवीं बार देश की कमान संभाल सकती हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी पार्टी बीएनपी पर आरोप लगाया कि वह लोकतंत्र विश्वास नहीं करती है। उन्होंने कहा कि लोग अपनी इच्छा के अनुसार मतदान करेंगे। इसके अलावा शेख हसीना ने बीएनपी पर आगजनी सहित कई घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगाया है।