Bangladesh News in Hindi: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। बांग्लादेश से हर दिन अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपात के अलावा तमाम तरह की हिंसा और लूट की खबरें आ रही हैं। अब ढाका यूनिवर्सिटी की महिला छात्राओं ने देश में हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया है।

ढाका में हुए प्रदर्शन का हिस्सा रहीं ढाका यूनिवर्सिटी के विमेन एंड जेंडर डिपार्टमेंट की स्टूडेंट जरिन रफिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम यहां पूरे देश में हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन क रहे हैं, खासतौर पर महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा।इस महीने इंटरनेशनल महिला दिवस मनाया जा रहा है लेकिन हमने देखा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा बहुत लंबे समय से चल रही है।

उन्होंने आगे कहा कि हम लंबे समय से चुप हैं और हिंसा को सामान्य बना दिया गया है। हमने हिंसा का विरोध करने या उसे समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी प्रत्यक्ष कदम को नहीं देखा है। हम एक्शन चाहते हैं। जरिन रफिया आगे कहती हैं कि हमें समाज के हर हिस्से में सुधार की जरूरत है और हमने बलात्कार की परिभाषा बदलने की सिफारिश की है। छात्राओं ने कहा कि हमने मांग की है कि धर्म का उपयोग महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को सामान्य बनाने या उसे कायम रखने के लिए एक उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

Bangladesh News: बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर सूफीवाद, 100 से ज्यादा दरगाहों में तोड़फोड़

बीएनपी ने भी किया प्रदर्शन

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बीएनपी के सीनियर संयुक्त सचिव जनरल रुहुल कबीर रिजवी ने सोमवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में वर्तमान शासन की निष्क्रियता की वजह से देश में महिलाओं के खिलाफ रेप और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीएनपी के नए पलटन केंद्रीय कार्यालय के सामने जातीयतावादी महिला दल को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मौजूदा अंतरिम सरकार के कार्यकाल में ऐसी स्थिति क्यों पैदा हो रही है? अगर प्रशासन ठीक से काम करता तो बलात्कार, हत्या, चोट और भ्रष्टाचार की घटनाएं नहीं बढ़तीं।”

कौन है नाहिद इस्लाम? पहले मोहम्मद यूनुस को दिलाई सत्ता, अब खुद बनाई राजनीतिक पार्टी