Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में जिन शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था, उन्होंने तो देश छोड़ दिया और गुरुवार को अंतरिम सरकार का गठन होगा, लेकिन इन सबके बावजूद वहां हिंसक विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में पिछले दो दिनों से दावा किया है कि बांग्लादेश में रह रहे एक करोड़ से ज्यादा हिंदू नागरिकों की जान और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में हैं। कई खबरों में हिंदुओं के घरों पर लूटपाट हत्या से लेकर हिंदू मंदिरों में टूट तक की घटनाओं का जिक्र हैं लेकिन क्या इसकी साजिश इस्लामिक देशों में रची गई थी?यह एक बड़ा सवाल है।

दरअसल, न्यूज 18 ने अपने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले भारत सरकार के लिए चिंता का एक बड़ा कारण हैं और देश के अलग-अलग राज्यों की सरकारें तक ये मानती हैं कि अल्पसंख्यक वहां सुरक्षित नहीं हैं। स्थानीय मीडिया और ढाका में हिंदू अल्पसंख्यक समूहों के पदाधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक विरोध प्रदर्शन और अस्थिरता के बीच 97 हिंदू समुदाय के स्थानों पर हमले हुए हैं। इनमें एक इस्कॉन मंदिर, एक काली मंदिर और हिंदुओं के घर शामिल हैं।

कट्टरपंथियों ने प्लानिंग के साथ फैलाई दहशत

सूत्रों ने बताया कि हिंदू पार्षद हराधन रॉय की भी प्रदर्शनकारियों ने हत्या कर दी है। इसके अलावा प्रसिद्ध संगीतकार राहुल आनंद के घर को लूट लिया गया और आग लगा दी गई। इसके अलावा कट्टरपंथियों ने बहुत ही व्यवस्थित तरीके से इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को जला दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन लगातार हमलों में कई कारकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें सामने यह भी आया कि राज्य में एजेंसियों की निष्क्रियता इसलिए है क्योंकि उन्होंने इसे कुछ समय तक जारी रहने देने का फैसला किया है।

बांग्लादेश में मौजूद एक सूत्र ने कहा कि अब इस्लामी समूहों को हिंदुओं पर हमला करने का एक कारण मिल गया है कि भारतीय नीतियां मुस्लिम विरोधी हैं और हमारे पास हिंदुओं पर हमला करने का एक कारण है। शीर्ष खुफिया अधिकारियों का मानना ​​है कि ये हमले और कुछ नहीं बल्कि आतंकवादी कृत्य हैं, जिनका नियंत्रण हसीना के हाथ में था।

क्या है इस्लामिक देशों की भूमिका?

दावा किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा क्योंकि सऊदी अरब का पैसा कट्टरपंथी इस्लाम के लिए है, और साथ ही कई बांग्लादेशी तेल की कीमतों में उछाल के बाद पश्चिम एशिया चले गए हैं। वे खाड़ी में भी अच्छा कर रहे हैं और वे बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ भी चाहते हैं।

भारत के पास बॉर्डर तक आए पीड़ित हिंदू

एक अन्य सूत्र ने कहा कि उनमें से कई बुढ़ापे में बहुत सारा पैसा लेकर वापस आ गए हैं और अब कट्टरपंथियों के ज़रिए धर्म का प्रसार करना चाहते हैं। एक तरफ जहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं तो भारत की ओर इस्लामिक कट्टरपंथियों के घुसपैठ करके भारत को अस्थिर करने की कोशिशें भी बढ़ सकती है। ऐसे में बांग्लादेश से लगने वाले सभी बॉर्डर्स पर सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा मजबूत कर दी गई है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भारत के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुधवार को सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक एकत्र हुए और दावा किया कि उनके देश में उन पर हमला हो रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना झापोर्टला सीमा चौकी क्षेत्र में दक्षिण बेरुबारी गांव के पास हुई। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) बाद में उन्हें वापस ले गया। उन्होंने कहा कि ये लोग बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले के पांच गांवों के थे जिसकी सीमा जलपाईगुड़ी से लगती है।

इस घटनाक्रम को लेकर बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेशी सीमा पर एकत्र हुए थे, लेकिन सीमा पूरी तरह सील होने के कारण कोई भी भारत में प्रवेश नहीं कर सका। बाद में बीजीबी उन्हें वापस ले गया। इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कंटीले तारों के पार इकट्ठा हुए लोग अंदर आने देने की गुहार लगा रहे थे। व्यक्ति ने कहा कि लेकिन हम असहाय हैं। बांग्लादेशियों ने अपने भयावह अनुभव बताए हैं।