Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन, प्रधानमंत्री के इस्तीफे और फिर उनके देश छोड़ने के बाद नोबेल से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने आज शपथ ले ली है। अब उनके सामने चैलेंज है कि हिंसा को कैसे कंट्रोल किया जाए। इस हिंसा का अंजाम शेख हसीना का देश छोड़ना ही रहा लेकिन यह समझना भी जरूरी है। एक छात्र की मौत ने विरोध कर रहे विरोध प्रदर्शन को कुछ इस कदर भड़का दिया कि उसके बाद हालात सुधरे ही नहीं।

दरअसल, ये घटना एक पानी पिलाने वाले छात्र की की मौत से जुड़ी है, जिसका नाम मीर महफूजुर रहमान मुग्धो था। मुग्धो न केवल विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पानी पिलाता था, बल्कि ट्रैफ‍िक कंट्रोल करता था ताकि आंदोलन में कोई दिक्‍कत न आए, लेकिन पुल‍िस की एक चूक ने सारा खेल पलट दिया और इसी के चलते ही आंदोलन ने रौद्र रूप ले लिया।

पुलिस की एक गोली और आंदोलन का रौद्र रूप

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, मुग्धो बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ प्रोफेशनल्स के छात्र थे। मुग्धो हिंसक झड़पों के बीच प्रदर्शनकारियों को भोजन, पानी और बिस्‍कुट बांट रहा था। पुलिस ने इस दौरान ही प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई, जो कि 18 जुलाई को मुग्धों को लगी और उसकी मौत हो गई। सोशल मीडिया में उसके वीडियो खूब वायरल हुए। इसमें मुग्‍धो ह‍िंंसा के बीच भागते हुए देखा गया।

साथी की मौत पर भड़क उठा छात्रों का गुस्सा

मुग्धो के यह वीडियो वायरल हुए और यह देखकर छात्रों का गुस्‍सा और भड़क उठा और उसी दिन पूरे देश में मुग्‍धो को श्रद्धांजल‍ि दी गई और छात्रों ने उन्‍हें सैल्‍यूट किया। मुग्धो के अंतिम शब्द ‘पानी लगबे पानी’ थे। आज ये शब्‍द बांग्‍लादेश के हर नागर‍िक की जुबां पर हैं और इसी से लोग मुग्धो को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। स्‍टूडेंट्स उन्‍हें नेशनल हीरो की उपाध‍ि दे रहे हैं। उनकी तारीफ के कसीदे गढ़े जा रहे हैं।

तेजगांव कॉलेज में मार्केटिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र रकीब ने कहा कि हमारे भाई को प्रदर्शनकारियों को पानी पिलाते समय गोली मार दी गई। हम उनके सम्‍मान में लोगों को पानी पिला रहे हैं। वे हमारे ल‍िए नेशनल हीरो हैं। इसी तरह ढाका यूनिवर्सिटी के स्‍टूडेंट आर‍िफ कहते हैं, मुग्धो ने जो शुरू क‍िया, हम उसे जारी रखना चाहते हैं। उन्‍होंने हमें एक ज‍िम्‍मेदारी सौंपी है और हम उसे भूलना नहीं चाहते हैं।

मुग्धो को श्रद्धांजलि देने के लिए मांग कर रहे छात्र

ऐसा नहीं है कि मुग्धो को लेकर दीवानगी केवल छात्रों में नहीं बल्कि छात्राओं में भी देखने को मिली है। मोहनगोर नर्सिंग कॉलेज की छात्रा तहमीना कहती हैं, मुझे लगता है क‍ि मुग्‍धो को सम्‍मान देने के ल‍िए देश में उनके नाम पर पानी का एक ब्रांड होना चाहिए। यह उन्हें हमेशा याद रखने और अगली पीढ़ी तक इसे पहुंचाने का एक तरीका हो सकता है।

छात्रों की मांग है क‍ि बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपन‍ियां अपनी कमाई का एक ह‍िस्‍सा मुग्‍धो के पर‍िवार को दें। कुछ स्‍टूडेंट मुग्‍धो की तरह ही चौराहों पर ट्रैफ‍िक कंट्रोल कर रहे हैं, ताक‍ि वे मुग्‍धो की यादों को सहेज सकें।