Bangladesh News: शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अगस्त 2024 में तख्तापलट में हटा दिया गया था और उसके बाद प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार दक्षिण एशियाई देश को चला रही है। पड़ोसी देश बांग्लादेश को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है। खास तौर पर ढाका में सैन्य कर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद बांग्लादेश में तख्तापलट की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं। लेकिन न तो प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और न ही आर्मी चीफ वकार उज जमान ने अफवाहों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की आर्मी ने हाल ही में एक इमरजेंसी मीटिंग की है। इनमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अधिकारी और आर्मी हेडक्वार्टर के अधिकारी शामिल थे। सेना राष्ट्रपति पर इमरजेंसी की घोषणा करने या यूनुस के खिलाफ तख्तापलट करने का दबाव बना सकती है। सेना अपनी निगरानी में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।
बांग्लादेश की सड़कों पर उतर आए हजारों मजदूर
छात्र नेताओं ने सेना के खिलाफ उठाई आवाज
हाल के महीनों में अलग-अलग सियासी दलों और छात्र नेताओं ने सेना के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। इससे सेना के कई वर्ग नाराज हो गए हैं और सेना को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए एक योजना बनाने के लिए उकसाया है। मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यूनुस जल्द ही चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस यात्रा से चीन-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव आ सकता है। इस पर ढाका के पड़ोसियों की भी नजर रहेगी।
छात्र नेतृत्व वाली आमार बांग्लादेश पार्टी के महासचिव असदुज्जमां फवाद ने आर्मी चीफ पर राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। फुआद ने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि आर्मी चीफ कुछ तथाकथित बैठकें कर रहे हैं और एक नई साजिश में लिप्त हैं। यह देखने के लिए कि राष्ट्रपति के अधीन एक नई अंतरिम सरकार कैसे बनाई जा सकती है। यह राष्ट्रपति शेख हसीना का गुलाम कुत्ता है। अगर आप शहाबुद्दीन के साथ देश चलाने की कोशिश करते हैं, तो लाखों अबू सैयद अपनी जान दे देंगे और छावनी को उड़ा देंगे। बांग्लादेश के साथ किसी भी विवाद में न उलझें।’ क्या बांग्लादेश में लगने वाला है आपातकाल?