Bangaldesh News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने नफ नदी में मछली पकड़ने पर लगे बैन को हटा दिया है। यह बैन पूर्ववर्ती शेख हसीना सरकार ने लगाया है, जिसकी वजह ड्रग्स की तस्करी से लेकर रोहिंग्या घुसपैठ को रोकना था, लेकिन अब 8 वर्षों पर यूनुस सरकार ने यह बैन हटा लिया है।
बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के अंतर्गत आने वाली नफ नदीं पर मछली पकड़ने पर लगे बैन को हटाना अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इससे बांग्लादेश के रास्ते भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ एक बार फिर बढ़ सकती है।
बांग्लादेश सरकार ने जारी किया पत्र
बांग्लादेशी न्यूज एजेंसी ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, कॉक्स बाजार जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद यूएनओ को एक पत्र जारी किया। मामले की पुष्टि करते हुए टेकनाफ यूएनओ शेख एहसान उद्दीन ने कहा कि नफ़ नदी में मछली पकड़ने की अनुमति अब सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक है।
जानकारी के मुताबिक, शुरुआत में तीन महीने के लिए अनुमति दी गई है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और कोस्ट गार्ड सहित संबंधित अधिकारियों को इसको लेकर डिटेल्स दे दी गईं हैं। पत्र के अनुसार उच्च न्यायालय ने कॉक्स बाजार के डिप्टी कमिश्नर को नफ़ नदी में वैध मछली पकड़ने की गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
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इन शर्तों का करना होगा पालन
- मछली पकड़ने की अनुमति केवल बांग्लादेश के जलक्षेत्र में, शाह पोरिर द्वीप से टेकनाफ जेट्टी तक, सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे के बीच ही होगी।
- मछुआरों को बाहर जाने से पहले पांच निर्देशित BGB चौकियों पर अपने टोकन या पहचान पत्र प्रस्तुत करने होंगे और वापस आने पर निरीक्षण में सहयोग करना होगा। चौकियों से छिपकर कोई काम करना वर्जित होगा।
- कोई भी मछुआरा बांग्लादेश की समुद्री सीमा पार नहीं कर सकता।
- मत्स्य विभाग पंजीकृत मछुआरों की एक सूची BGB, तटरक्षक बल और कानून प्रवर्तन को प्रदान करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पंजीकृत व्यक्तियों को ही मछली पकड़ने की अनुमति है।
- यह स्वीकृति अस्थायी है और सीमा की स्थिति के आधार पर तीन महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।
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मछुआरों ने जताई फैसले पर खुशी
इस फैसले को लेकर स्थानीय मछुआरे सैयद आलम ने कहा कि मैं 20 वर्षों से नफ़ नदी में मछली पकड़ रहा हूं, लेकिन रोहिंग्याओं की आमद के कारण 2017 में लगाए गए प्रतिबंध ने हमारे लिए जीवन बेहद कठिन बना दिया। उन्होंने कहा कि ईद के करीब आने के साथ ही नदी को फिर से खोलना एक वरदान की तरह लगता है। हम सरकार के आभारी हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी मछुआरा नशीली दवाओं की तस्करी या अवैध गतिविधियों में शामिल न हो।
नफ़ रिवर फिशरमेन सोसाइटी के अध्यक्ष मोहम्मद अमन उल्लाह ने इस फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आठ साल के लंबे अंतराल के बाद, सरकार ने आखिरकार हमें फिर से मछली पकड़ने की अनुमति दे दी है। मछुआरे बहुत खुश हैं। हम दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे और किसी भी अवैध गतिविधि को रोकेंगे। बांग्लादेश से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।