BLA Noshki Attack | Pakistan Balochistan Issues: बूलिचस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा क्षेत्र है, कुल क्षेत्रफल का 44 फीसदी माना जाता है। लेकिन बात जब विकास की आती है, बलूचिस्तान कहीं बहुत पीछे छूट जाता है। इस समय सबसे ज्यादा चर्चा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की हो रही है, उसके हमलों की हो रही है, पाक सेना पर किए गए IED ब्लास्ट की हो रही है। अब किसी भी तरह की हिंसा को कोई सही नहीं मान सकता, लेकिन बलूच लोगों का दर्द समझना भी जरूरी है। बलूचिस्तान अपने साथ एक ऐसी किस्मत लेकर आया है जहां पर उसे कुदरत की तो पूरी मेहरबानी मिली, लेकिन पाकिस्तान ने हुक्मरानों ने उसे सिर्फ धोखा दिया।
ऐसे तमाम आंकड़े मौजूद हैं जो बताते हैं कि बलूचिस्तान हर क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है, वहां के लोग सामान्य सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। बड़ी बात यह है कि बाकी पाकिस्तान में फिर भी विकास हो रहा है, लेकिन बलूच लोग उससे वंचित चल रहे हैं। जिस चीन के दम पर रोड एंड बेल्ट प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान आगे बढ़ा है, वहां भी बलूचिस्तान को सिर्फ धोखा मिला है। यहां पर बलूचिस्तान की आर्थिक स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं।
CPEC प्रोजेक्ट और बलूच लोगों के साथ धोखा
चीन की मदद से बन रहे रोड एंड बेल्ट प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान से होकर निकलता है। अब इस प्रोजेक्ट के जरिए पाकिस्तान को जरूर हसीन सपने दिखाए गए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा शोषण बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का हुआ है। बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान ने अपने फायदे के लिए और इस प्रोजेक्ट के लिए उनके संसाधनों का इस्तेमाल तो किया, लेकिन उन्हें उसका उचित मुआवजा कभी नहीं मिला। इस चीनी प्रोजेक्ट की वजह से बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों का बड़े स्तर पर विस्थापन भी हुआ है, वहां का पानी प्रदूषित हुआ है और उपजाऊ जमीन भी बर्बाद हुई है।
पाकिस्तान पर आरोप यह भी लगा है कि CPEC प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा काम जरूर बलूचिस्तान में हो रहा है, लेकिन जब मजदूरों की जरूरत पड़ रही है तो वो पाकिस्तान के दूसरे हिस्सों से आ रहे हैं, चीन के मजदूर भी इस काम में लगे हैं। लेकिन जिन बलूच लोगों को रोजगार की सबसे ज्यादा जरूरत है, वो कहीं पीछे छूट चुके हैं।
कितनी गरीब है बलूच की जनता?
बलूचिस्तान में गरीबी काफी ज्यादा है। पाकिस्तान का सबसे ज्यादा गरीब क्षेत्र बलूचिस्तान को ही माना जाता है। यहां पर एक आदमी की पर कैपिटा इनकम मात्र 1,106 डॉलर दर्ज की गई है, यह राष्ट्रीय औसत से भी 38 फीसदी कम वाला आंकड़ा है। पूरे पाकिस्तान की राष्ट्रीय स्तर पर पर कैपिटा इनकम 1798 डॉलर दर्ज की गई है। इसी वजह से बलूचिस्तान इस मामले में सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। पाकिस्तान को लेकर ही एक और आंकड़ा कहता है कि यहां पर सारा पैसा मात्र 10 फीसदी लोगों में सिमट कर रह गया है, इस वजह से भी बलूचिस्तान कई मामलों में वंचित चल रहा है।
भुखमरी से मर रहे बलूचिस्तान के बच्चे
बलूचिस्तान में गरीबी ने भुखमरी को जन्म दे रखा है। पाकिस्तान के सबसे बड़े क्षेत्र में जनता भूखी है, वो दाने-दाने के लिए तरस रही है। बलूचिस्तान पोस्ट ने कुछ समय पहले ही एक सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी, उसके आंकड़े चौकाने वाले रहे। उस सर्वे में बताया गया कि बलूचिस्तान में 49.6 फीसदी बच्चे भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। बलूचिस्तान में कुल 36 जिले आते हैं और इस समय सभी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
बलूचिस्तान में शिक्षा का हाल
UNICEF की रिपोर्ट बताती है कि पूरा पाकिस्तान इस समय शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। वहां पर 5 से 16 साल के 22.8 मिलियन बच्चे तो स्कूल तक नहीं जा रहे हैं, वहीं 5 से 9 सालों की उम्र में भी पांच मिलियन बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित चल रहे हैं। बात जब बलूचिस्तान की आती है तो फिर यहां पर सबसे कम साक्षरता दर देखने को मिली है। 78 फीसदी लड़कियां भी बलूचिस्तान में स्कूल से दूर चल रही हैं।
एक और रिपोर्ट बताती है कि बलूचिस्तान में 59 फीसदी लोगों के पास अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त अवसर तक मौजूद नहीं है। इस क्षेत्र में वैसे तो 12500 के करीब प्राइमरी स्कूल मौजूद हैं, लेकिन यहां भी 7000 स्कूलों में क्लासरूम, शिक्षक और सही इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं चल रहे। गरीबी की वजह से भी बलूचिस्तान में 52 फीसदी लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे।
बलूचिस्तान में हत्याएं और अपहरण
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ह्यूमन राइट्स का हनन कई सालों से जारी है। तमाम रिपोर्ट्स इस बात का दावा करती हैं लेकिन पाकिस्तान की सरकार इन्हें खारिज करती रहती है। बात अगर बलूचिस्तान ह्यूमन राइट्स ग्रुप की 2023 वाली रिपोर्ट की करें तो एक चिंताजनक तस्वीर सामने आती है। बताया जा रहा है कि बलूचिस्तान में 2023 में 192 बलूच नागरिकों पर हमला किया गया था, वहां भी 150 मौतें हुईं और 42 घायल हुए। इसमें भी पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल थीं।
The Voice for Baloch Missing Persons नाम से बलूचिस्तान में एक संगठन चलता है, उसका आंकड़ा कहता है कि पाकिस्तान के इस इलाके से कई बलूच नागरिक संदिग्ध स्थिति में गायब हुए हैं। इनमें कई तो गिरफ्तार हुए, लेकिन उनसे भी ज्यादा ऐसे रहे जिनका कोई ट्रेस या सबूत नहीं मिला। 2004 के बाद से अब तक 7000 से ज्यादा मामले अपहरण के दर्ज हो चुके हैं। वहीं The Commission of Inquiry on Enforced Disappearances की 2024 की रिपोर्ट बताती है कि 2752 सक्रिय अपहरण के एक्टिव केस चल रहे हैं।
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