इराक की राजधानी में आज एक आत्मघाती कार बम विस्फोट में कम से कम 119 लोगों की मौत हो गयी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। यह विस्फोट करादा जिला में आज सुबह हुआ। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति से पहले वहां खरीदारों की खचाखच भीड़ थी। इराकी सुरक्षा बलों के फलूजा शहर का कब्जा आईएस के हाथों से अपने हाथों में लेने के हफ्ते भर बाद जिहादियों के नियंत्रण में सिर्फ मोसुल शहर ही बचा रह गया है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि बम विस्फोट में 140 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।

प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने घटनास्थल का दौरा किया और इसे अंजाम देने वालों को सजा देने का संकल्प लिया। विस्फोट से इमारत में आग लग गई और करीब 12 घंटे बाद भी दमकलकर्मी आग पर काबू पाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। 24 वर्षीय पूर्व सैनिक हुसैन अली ने बताया कि उसके परिवार की दुकान में काम करने वाले छह लोग मारे गए।

अली ने बताया, ‘‘मैं युद्ध के मैदान में लौटूंगा। कम से कम वहां मैं दुश्मन को जानता हूं इसलिए मैं उससे लड़ सकता हूं। लेकिन मैं नहीं जानता कि मैं किससे लड़ रहा हूं।’’ आईएस ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक बयान जारी कर कहा कि संगठन के चल रहे सुरक्षा आॅपरेशन के तहत इसे एक इराकी ने अंजाम दिया है। जिहादी संगठन ने कहा कि विस्फोट में इराकी बहुसंख्यक शिया मुस्लिम को निशाना बनाया गया जिन्हें सुन्नी चरमपंथी विधर्मी मानता है और बगदाद में तथा अन्य स्थानों पर अक्सर हमले करता है। इराक में संयुक्त राष्ट्र के दूत जान कुबीच ने हमले की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण और जघन्य कृत्य करार दिया। अधिकारियों से कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाए।