आस्ट्रेलिया ने इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का और सैन्य मदद मुहैया कराने की अपील को औपचारिक रूप से ठुकराते हुए कहा है कि वह इस लड़ाई में पहले ही ‘पर्याप्त’ योगदान दे रहा है। अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने दिसंबर में इराक और सीरिया में जिहादियों और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ लड़ रहे गठबंधन साझीदारों से पेरिस में हुए हमले के बाद और अधिक प्रतिबद्धता दर्शाने को कहा था। इस हमले में 130 लोग मारे गए थे। हालांकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने संकेत दिया था कि इस प्रकार का कदम उठाने की उनकी कोई मंशा नहीं है और अब रक्षा मंत्री मैरिसे पायने ने कहा कि आस्ट्रेलिया की मौजूदा प्रतिबद्धता काफी है।

उन्होंने बुधवार की देर रात एक बयान में कहा कि आस्ट्रेलिया ने इराकी सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण देने और हवाई मुहिम में पहले से ही अपने पर्याप्त योगदान के मद्देनजर अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की अपील पर विचार -विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा मंत्री कार्टर से कहा है कि हमारा मौजूदा योगदान जारी रहेगा।

यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा वाशिंगटन में टर्नबुल से मुलाकात करेंगे। टर्नबुल की यात्रा आतंकवाद और क्षेत्रीय विवादों पर केंद्रित होगी। आस्ट्रेलिया के करीब 780 सुरक्षाकर्मी आईएस के खिलाफ अभियान में सहयोग देने के लिए पश्चिम एशिया में तैनात हैं और महीनों से इराक में सक्रिय हैं।
आस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने कहा कि आस्ट्रेलिया की मौजूदा सैन्य प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन वह और उनका देश हवाई मार्ग से मदद पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।