भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी को ऑस्ट्रेलिया में क्वींस लैड की सरकार से बड़ा झटका लगा है। क्वींसलैंड प्रांत की सरकार ने देश में विलुप्त प्राय फिंच पक्षी के संरक्षण संबंधी अडाणी की योजना को खारिज कर दिया है। इसके साथ करोड़ो डॉलर की खदान परियोजना पर भी रोक लग गई है।
सरकार का कहना है कंपनी की योजना की शर्तें उसे मंजूर नहीं है। इस फैसले के बाद से कारमाइकल खदान परियोजना अनिश्चित समय के लिए टाल सकती है। अडाणी की कंपनी की तरफ से इस खदान परियोजना पर काम शुरू करने में फिंच पक्षी के संरक्षण के साथ भूजल योजना की समस्या सामने आ रही हैं।
कंपनी को राज्य सरकार से खनन और पर्यावरणीय लाइसेंस पहले ही मिल चुका है। अब सिर्फ परियोजना शुरू करने के लिए फिंच पक्षी के संरक्षण और भूजल की प्रबंध योजनाओं के लिए राज्य सरकार की मंजूरी अनिवार्य थी। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार 2 मई को क्वींसलैंड पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने अडानी समूह के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
अधिकारियों ने फिंच पक्षी के संरक्षण योजना असंतुष्टि जताई थी। सरकार की तरफ से योजना को नामंजूर किए जाने के बाद कंपनी को अपनी योजना की फिर से समीक्षा करनी होगा। अडानी समूह के ऑस्ट्रेलियाई यूनिट के सीईओ लुकास डाउ ने कहा, ‘हम नई योजना पर काम कर रहे हैं।
इस प्रबंध योजना के मसौदे को फिर से सरकार के सामने रखा जाएगा।’ बताया जा रहा है कि कंपनी इस परियोजना पर पिछले 18 महीने से इन योजनाओं की समीक्षा कर रही थी। वहीं अंतिम समय में सरकार की तरफ से कुछ अतिरिक्त शर्तें जोड़ दी गई। इन शर्तों को परियोजना के संबंध में अनिवार्य बताया जा रहा है।
मालूम हो कि गौतम अडाणी ग्रुप ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड मं ग्रीनफील्ड कारमाइकल खदान परियोजना खरीदी थी। इस परियोजना के तहत कंपनी को 2.3 अरब टन के कम गुणवत्ता वाले कोयले का उत्पादन करना है। इससे पहले कई स्थानीय सामाजिक संगठन और पर्यावरणविद् इस परियोजना के खिलाफ हैं।