पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हाल ही में सत्ता बदली है और एक बार फिर नए सिरे से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने हैं। इतना ही नहीं, राष्ट्रपति की कुर्सी में भी बदलाव हुआ है। आसिफ अली जरदारी दूसरी बार राष्ट्रपति बन गए हैं। जरदारी 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। जरदारी दोनों ही सदनों में बहुमत हासिल करना है। खास बात यह रही कि पाकिस्तान के मुख्य 3 प्रांतों में वे भारी मैजॉरिटी के साथ राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने वाले हैं।

बता दें कि आसिफ अली जरदारी इससे पहले 2008 से 2013 के बीच भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उस वक्त वे देश के 11वें राष्ट्पति थे। वह पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति हैं, जो लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित हुए थे। जिन्होंने सफलतापूर्क अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले राष्ट्रपति को कार्यभार सौंपा था।

पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की सरकार में उन्होंने कई अहम भूमिकाएं निभाई थीं। हालांकि, सरकार गिरने के बाद उन पर कई गंभीर आरोप लगे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी की वजह भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे।

कौन हैं आसिफ अली जरदारी?

बता दें कि आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के वरिष्ठ नेता हैं। जरदारी का भुट्टो परिवार से खास जुड़ाव रहा है और बाद में उनकी शादी बेनजीर भुट्टो से हुई थी। 1955 में जन्मे जरदारी की इमेज एक प्लेबॉय वाली थी। उनका राजनीतिक सफर 1983 में शुरू हुआ, उस समय उन्होंने नवाबशाह से डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की सीट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

बेनजीर भुट्टों जब प्रधानमंत्री बनीं तो उनकी सरकार में जरदारी मंत्री बने थे। उन्होंने शुरुआत में पर्यावरण मंत्रालय अपने हाथ में ले लिया और फिर धीरे-धीरे कई अन्य मंत्रालयों की अगुवाई करने लगे। यहीं से उनके भ्रष्टाचार का खेल भी शुरू हुआ, जो भी बेनजीर भुट्टो सरकार के साथ बिजनेस करना चाहता था, कहा जाता है कि जरदारी उससे पहले 10 फीसदी कमीशन तय कर लेते थे।

मिस्टर 10 परसेंट का दाग

ऐसे में जरदारी का भ्रष्टाचार उन पर भारी पड़ने लगा था। कई मामलों में जरदारी पर घोटाले के आरोप लगने लगे थे। इसके चलते ही उनेक नाम के साथ ‘मिस्टर 10 परसेंट’ के नाम से पहचाने जाने लगे। खास बात यह है कि जब साल 2008 में जरदारी प्रेसिडेंट बने थे, उस समय पाकिस्तान के अखबारों में छपा था कि ‘मिस्टर टेन परसेंट’ देश के नए राष्ट्रपति बने हैं, जो कि जीत के बावजूद उनके लिए एक शर्मसार करने वाली घटना रही थी।

जेल में काटे 12 साल

गौरतलब है कि आज भले ही जरदारी एक बार फिर प्रेसिडेंट बन गए हों लेकिन ये वही जरदारी हैं जिन पर भ्रष्टाचार से लेकर अपहरण और बैंक फ्रॉड जैसे कई आरोप लगे थे। वे साल 1990 में पहली बार जेल गए थे, इसके 1996 में दोबारा जेल गए थे, उन्होंने अपनी जिंदगी के 12 साल जेल में ही काटे हैं। उन्हें 1997 से 2004 तक जेल में रखा गया था। नवंबर 2004 में जमानत मिली लेकिन हत्या के मुकदमे की सुनवाई में शामिल नहीं होने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया।

जरदारी को एक स्विस कंपनी से जुड़े मामले में रिश्वत लेने का दोषी भी ठहराया गया था, जिसके चलते उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए थे।