दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस की राजधानी विएंतियाने में आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…भारत आसियान को जो प्राथमिकता देता है, वह पिछले साल हमारे अपने जी-20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री मोदी की जकार्ता यात्रा से स्पष्ट है।” विदेश मंत्री ने कहा, “उन्होंने 12-सूत्रीय योजना की घोषणा की थी, जिस पर काफी हद तक अमल किया गया है। भारत के लिए आसियान इसकी एक्ट ईस्ट नीति और उसके बाद इस पर आधारित इंडो-पैसिफिक विजन की आधारशिला है। हमारे लिए आसियान के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी तरह लोगों के बीच आपसी संपर्क भी है, जिसे हम लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं…।”
विदेश मंत्री ने कई देशों के नेताओं से की मुलाकात
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को आसियान बैठक के दौरान फिलीपींस के अपने समकक्ष एनरिक ए मनालो और नॉर्वे के एस्पेन बार्थ ईडे से मुलाकात की और भारत-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग और प्राथमिकताओं को मजबूत करने पर चर्चा की।
उन्होंने तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सोक चेंडा सोफिया के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं। जयशंकर और अन्य सभी नेता आसियान-भारत पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) और आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं।
विदेश मंत्री शुक्रवार को ब्रुनेई के विदेश मंत्री दातो हाजी एरीवान से मिले। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एस जयशंकर ने लिखा, “इस मौके पर हमारे राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए लोगो लॉन्च किया गया। मुझे विश्वास है कि हमारे मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और भी समृद्ध होंगे।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आज सुबह लाओस के विएंतियाने में आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। पिछले तीन वर्षों में मेरे साथ इसकी सह-अध्यक्षता करने के लिए @VivianBala का धन्यवाद। आने वाले देश समन्वयक के रूप में फिलीपींस का स्वागत है।
डिजिटल, रक्षा, समुद्री, संपर्क, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा तथा सांस्कृतिक विरासत संरक्षण भारत-आसियान सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं। म्यांमार की स्थिति, समुद्री संचार लाइनों को खुला और मुक्त रखने, आसियान और एओआईपी पर क्वाड के दृष्टिकोण और गाजा में संघर्ष के बारे में भी बात की।