सोशल मीडिया चैनलों पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत विरोधी दुष्प्रचार के बीच ब्रिटिश सरकार का यह बयान सामने आया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने ट्विटर पर घोषणा की कि देश में भारत के राजनयिक मिशन के कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशन को निशाना बनाए जाने और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्यदूत डा शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ कुछ धमकी भरे पोस्टर आनलाइन सामने के बीच क्लेवरली ने कहा कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी प्रत्यक्ष हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि हमने विक्रम दोरईस्वामी और भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उच्चायोग में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। मार्च में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा उच्चायोग की इमारत को निशाना बनाए जाने के बाद से मध्य लंदन में ‘इंडिया हाउस’ में मेट्रोपालिटन पुलिस ने सुरक्षा को कड़ा कर दिया है। क्लेवरली ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ह्यभारतीय उच्चायोग की सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी, और इसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते आवश्यक बदलाव करेगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि उनकी (खालिस्तानियों की) चरमपंथी, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए, न ही उनके लिए और न ही उनसे (उन देशों से) हमारे संबंधों के लिए ठीक है।
कनाडा आतंकवाद के खिलाफ हमेशा गंभीर कार्रवाई करता है: प्रधानमंत्री ट्रूडो
ओटावा,भाषा : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को कहा कि उनके देश ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ ‘गंभीर कार्रवाई’ की है और वह ऐसा करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह मानना ‘गलत’ है कि उनकी सरकार देश में खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों के प्रति नरम है।
उनकी यह टिप्पणी भारत द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में कनाडाई राजदूत को तलब करने और कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर ‘डेमार्शे’ (आपत्ति जताने वाला पत्र) जारी करने के कुछ दिनों बाद आई है। उनकी यह टिप्पणी आठ जुलाई को ओटावा में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रस्तावित खालिस्तान समर्थक रैली से दो दिन पहले आई है।
ट्रूडो ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि वे गलत हैं। कनाडा ने हमेशा हिंसा और हिंसा की धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है। हमने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा गंभीर कार्रवाई की है और हम हमेशा करेंगे। उनसे पिछले महीने ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दशार्ने से जुड़ी एक झांकी के बारे में पूछा गया था।
खालिस्तान समर्थकों ने ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ की 39वीं बरसी के अवसर पर एक झांकी निकाली थी जिसमें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को दिखाया गया था जिनके कपड़ों पर खून था। इसके साथ ही एक पोस्टर भी लगाया गया था जिस पर लिखा था कि श्री दरबार साहिब पर हमले का बदला। हाल ही में, कुछ वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को ‘हत्यारे’ के रूप में दशार्ने वाले खालिस्तान समर्थक पोस्टर सामने आने के बाद पूरे भारत में आक्रोश है।
ट्रूडो ने कहा कि हमारा देश बेहद विविधतापूर्ण है और हमारे यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन हम हमेशा यह सुनिश्चित करेंगे कि हम हिंसा और उग्रवाद के सभी रूपों का मुकाबला कर सकें। समझा जाता है कि भारत ने कनाडा के अधिकारियों से आठ जुलाई को कनाडा में भारतीय मिशन के बाहर खालिस्तान समर्थक समूहों के प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर उचित कदम उठाने को भी कहा है।