एमनेस्टी इंटरनेशनल ने युगांडा में सप्ताहांत में सुरक्षा बलों और एक कबायली राजा के अलगाववादी मिलिशिया के बीच हुए ‘‘स्तब्ध कर देने वाले’’ संघर्ष की निंदा की है। इस संघर्ष में 62 लोग मारे गए हैं। यह खूनी संघर्ष उस समय शुरू हुआ था जब कासेसे कस्बे में राजा के शाही रक्षक बल के लड़ाकों ने गश्ती कर रहे पुलिस एवं सुरक्षा बलों के संयुक्त गश्ती दल पर हमला किया। संघर्ष रविवार तक जारी रहा। पुलिस ने रवेनजुरूरू किंगडम के राजा चार्ल्स वेस्ले मुंबेरे के महल पर हमला करके उन्हें गिरफ्तार  कर लिया। पुलिस के प्रवक्ता एंड्रयू फेलिक्स कावेसी ने एएफपी से कहा कि शुरुआत में मरने वालों की संख्या 55 थी जो बढकर 62 हो गई है। मरने वालों में 16 पुलिस अधिकारी और शाही रक्षक बल के 46 लड़ाके हैं। पुलिस ने कहा कि राजा को कंपाला

हिरासत में लिया गया। वहीं एक अन्य प्रवक्ता ने एनटीवी टेलीविजन को बताया कि 139 शाही रक्षकों को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस हिंसा की आलोचना करते हुए लंदन स्थित मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि सबूत इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कुछ पीड़ितों को गिरफ्तार करने के बाद गोली मारी गई।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के ईस्ट अफ्रीका रिसर्चर अब्दुल्लाही हलाखे ने कहा, ‘सप्ताहांत में हुई घटनाओं की पूरी तस्वीर अभी सामने नहीं आई है लेकिन यह अवैध रूप से हत्या करने का स्तब्ध कर देने वाला उदाहरण लगता है और गिरफ्तारियों के दौरान मानवाधिकारों के घोर अपमान की तरह है।’

युगांडा के मुख्य विपक्षी नेता किज्जा बेसिग्ये ने दिल दहला देने वाली तस्वीरें साझा की है जो सोशल मीडिया पर नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों में दर्जनों शव महल द्वार के सामने पड़े दिख रहे है। बेसिग्ये ने इस ‘नरसंहार’ की ट्विटर पर निंदा की है। मानवाधिकार वकील निकोलस ओपियो ने कहा कि अनुसंधानकर्ता अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वास्वत में क्या हुआ था।