प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत सत्खिरा स्थित प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर में देवी काली की पूजा अर्चना से की इसके बाद पीएम ने काशियाना उपजिला में ओराकांडी मंदिर के दर्शन किए और मतुआ समुदाय के लोगों को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि ओराकांडी में भारत सरकार लड़कियों के मिडिल स्कूल को अपग्रेड करेगी और भारत सरकार द्वारा यहां एक प्राइमरी स्कूल भी स्थापित किया जाएगा। ये भारत के करोड़ों लोगों की तरफ से हरिचंद ठाकुर जी को श्रद्धांजलि है। बता दें कि मतुआ समुदाय का पश्चिम बंगाल की करीब 60 सीटों पर सीधा प्रभाव है। ऐसे में पीएम के यह बयान राजनीतिक चश्मे से देखे जा रहे हैं।

पीएम ने भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत और बांग्लादेश दोनों देश कोरोना का मजबूती से मुकाबला कर रहे हैं। मेड इन इंडिया वैक्सीन बांग्लादेश के नागरिकों तक भी पहुंचे, भारत इसे अपना कर्तव्य समझ के कर रहा है।

मतुआ समुदाय के बंगाल कनेक्शन का किया जिक्र: पीएम ने कहा, “पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मतुआ भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर बोडो मां का अपनत्व, मां की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं। मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय पर्व पर भारत के 130 करोड़ भाइयों-बहनों की तरफ से आपके लिए प्रेम और शुभकामनाएं लाया हूं।

इससे पहले पीएम ने कई शताब्दियों पुराने जशोरेश्वरी मंदिर जाकर दर्शन किए थे। ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत शंख बजाकर, तिलक लगाकर और अन्य पारंपरिक तरीकों से किया गया। उन्होंने मां काली को एक मुकुट, साड़ी व अन्य पूजन सामग्रियां भी अर्पित की

मां काली से की कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना: उन्होंने कहा, ‘‘आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना के इस संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं।’’ प्रधानमंत्री ने ‘‘सर्वे भवंतु सुखिन:’’ के मंत्र का उल्लेख किया और ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ को भारतीय संस्कृति की विरासत बताते हुए कहा, ‘‘हम पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।’’

‘जेशोरेश्वरी काली मंदिर का निर्माण कार्य कराएगा भारत’: उन्होंने कहा कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त आते हैं जिनमें सीमापार के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। उन्होंने यहां एक सामुदायिक केंद्र के निर्माण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार यहां इसके निर्माण का कार्य करेगी ताकि जब काली पूजा के समय लोग यहां आएं तो यह उनके उपयोग में आए। आपदा के समय भी यह काम आए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार यहां पर निर्माण कार्य कराएगी। इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने शुभकामनाएं प्रकट की है। इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।’’

शेख मुजीबुर के स्मारक पहुंचकर दी श्रद्धांजलिः प्रधानमंत्री मोदी आज गोपालगंज जिले के तुंगीपाड़ा में ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक पर भी पहुंचे। पीएम यहां जाने वाले पहले गणमान्य भारतीय रहे। उनके साथ बांग्लादेश की पीएम और मुजीबर रहमान की बेटी शेख हसीना भी रहीं। प्रधानमंत्री का ओराकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद का भी कार्यक्रम है। शनिवार की दोपहर मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय में हसीना के साथ वार्ता करेंगे। इस दौरान पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। कुछ परियोजनाओं का भी वह डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करेंगे।

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है। यह यात्रा शेख मुजीबुर रहमान की जन्‍मशताब्‍दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्‍थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने इससे पहले वर्ष 2015 में बांग्लादेश की यात्रा की थी।