अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने H-1B वीजा के नियमों में ढील दी है। जिसके बाद अब अमेरिकी कंपनियों के लिए स्किल्ड विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही F-1 स्टूडेंट वीजा को आसानी से H-1B वीजा में तब्दील किया जा सकेगा। इस कदम से हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फायदा होने की संभावना है।

सबसे अधिक मांग वाला H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। टेक्निकल कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर रहती हैं।

मंगलवार को होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) द्वारा घोषित इस नियम का उद्देश्य विशेष पदों और गैर-लाभकारी और सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं और श्रमिकों को ज्यादा सुविधा प्रदान करना है।

F-1 स्टूडेंट वीजा को H-1B वीजा में बदला जा सकेगा

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इन बदलावों से अमेरिकी नियोक्ताओं को अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार नियुक्तियां करने और वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी। डीएचएस के अनुसार, इस नियम में F-1 वीजाधारक छात्रों के लिए कुछ सुविधा का भी प्रावधान है, जो अपने वीजा को H-1B में बदलना चाहते हैं।

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इस प्रोग्राम में वीजा के लिए आवेदन 17 जनवरी, 2025 से शुरू होंगे। इसके आवेदनों के लिए फॉर्म I-129, एक गैर-आप्रवासी श्रमिक के लिए याचिका का एक नया फॉर्मेट जरूरी होगा।

DHS कैप के बाहर वीज़ा के लिए आवेदन

गैर-लाभकारी और सरकारी अनुसंधान संगठन अब डीएचएस कैप के बाहर वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं। अप्रूवल के लिए नए क्राइटेरिया में यह सुनिश्चित करना शामिल है कि डिग्री क्षेत्र सीधे नौकरी से संबंधित हैं और इमिग्रेशन अधिकारियों को विस्तृत आवेदनों के लिए पिछले अप्रूवल को स्थगित करने की अनुमति देना शामिल है।

अत्यधिक मांग वाला, H-1B वीजा हर साल सैकड़ों हजारों आवेदकों को आकर्षित करता है, जो कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) द्वारा निर्धारित 85,000 की सीमा से कहीं ज्यादा है। अमेज़न, गूगल और टेस्ला जैसी टेक दिग्गज कंपनियां इस कार्यक्रम के सबसे बड़े लाभार्थियों में से हैं। 2024 में, इस वीजा के लिए 4,00,000 से ज़्यादा आवेदन जमा किए गए। पढ़ें- भारत के बाहर किस देश में रहते हैं सबसे ज्यादा भारतीय? दूसरे नंबर पर है ये इस्लामिक मुल्क

(भाषा के इनपुट के साथ)