पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाए जाने के अनुरोध को ठुकरा दिया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी की स्थानीय प्रतिनिधि मलीशा लोधी ने बुधवार (21 सितंबर) को न्यूयॉर्क में एक प्रेसवार्ता में कहा, “पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम नहीं लगाएगा।” अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र की आम बैठक (यूएनजीए) चल रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार शाम को यूएनजीए को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने आज शाम नवाज शरीफ के संबोधन की भूमिका तैयार करने के लिए ये प्रेसवार्ता की है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि आतंकवाद को छिपे तौर पर बढ़ावा देने वाले राष्ट्र अपनी हरकतों से बाज़ आएं। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 26 सितंबर को सभा में अपनी बात रखेंगी। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के विकल्प पर विचार कर रहा है।
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लोधी ने मीडिया को बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाक पीएम शरीफ से हुई हालिया बैठक में परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने के कहा था, जिसके जवाब में शरीफ ने कहा कि जो उम्मीद पाकिस्तान से की जा रही है वही भारत से भी की जानी चाहिए। लोध ने पत्रकारों से कहा, “दुनिया को पहले भारत के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगवानी चाहिए।” लोधी ने कहा कि केरी के साथ शरीफ की मुलाकात में पाकिस्तान को परमाणु आपूर्तीकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल करने के मसले पर भी चर्चा हुई।
पाकिस्तान के विदेश सचिव एज़ाज़ चौधरी ने भी लोधी के संग पत्रकारों को संबोधित किया। चौधरी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान से ज्यादा किसी ने लड़ाई नहीं लड़ी।” माना जा रहा है कि शरीफ के भाषण में कश्मीर में उपजी अशांति पर जोर दिया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान को बुधवार को ही उस समय बड़ा झटका लगा होगा जब अमेरिका के दो बड़े राजनीतिक दलों के दो प्रभावशाली सांसदों ने पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने के लिए देश की संसद में एक विधेयक पेश किया। कांग्रेस के सदस्य एवं आतंकवाद पर सदन की उपसमिति के अध्यक्ष टेड पो ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हम पाकिस्तान की धोखाधड़ी के लिए उसे धन देना बंद कर दें और उसे वह घोषित करें जो वह है, आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश।’
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रविवार (18 सितंबर) को हुए उरी आंतकी हमले में 18 भारतीय जवान शहीद हो गए। भारतीय अधिकारियों के अनुसार ये हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अंजाम दिया था। माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान को “आतंकी राष्ट्र” घोषित करवाने का कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। अमेरिका, फअरांस, रूस और ब्रिटेन समेत कई देशों ने उरी हमलों की निंदा करते हुए राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने के लिए कहा है।पाकिस्तानी अखबार द न्यूज़ इंटरनेशनल में छपे चौधरी के बयान के मुताबिक नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान में भारत की दखलअंदाजी का मुद्दा भी उठाएंगे।
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