अमेरिका की तरफ से यह साफ किया गया कि एनएसजी का सदस्‍यता परमाणु ऊर्जा के असैन्य इस्तेमाल के बारे में है। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने अपने संवाददाता सम्मलेन में कल कहा, ‘‘यह हथियारों की दौड़ के बारे में और परमाणु हथियारों के बारे में नहीं है। यह परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल शांतिपूर्ण असैन्य कार्यों में करने के बारे में है। इसलिए हम निश्चित तौर पर यह उम्मीद करते हैं पाकिस्तान इसे समझेगा।’’

टोनर दरअसल एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और इसपर पाकिस्तान द्वारा जताए जा रहे विरोध से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे। पाकिस्तान इस आधार पर विरोध कर रहा है कि भारत को इस समूह की सदस्यता मिलने से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ को गति मिलेगी।

टोनर ने कहा, “फिलहाल मैं यही कह सकता हूं कि 2015 में अपनी भारत यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति ओबामा ने बता दिया था कि अमेरिका भारत को मिसाइल तकनीक कंट्रोल के लिए पूरी तरह से तैयार है और सदस्‍यता के लिए भी। लेकिन एनएसजी में आम सहमति होना जरूरी है, इसलिए हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि वोटिंग कैसे होती है।”