नोबेल प्राइज वीक 2022 के तहत विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को सम्मानित किया जा रहा है। नार्वे के समय अनुसार शुक्रवार को दिन में 11 बजे नोबेल पीस प्राइज की घोषणा होगी।  

नोबेल पीस प्राइज के लिए नामांकित लोगों की सूची में भारतीय फैक्ट-चेकर मोहम्मद जु़बैर (Mohammed Zubair) और प्रतीक सिन्हा (Pratik Sinha) का नाम भी शामिल है।  

नॉर्वे के सांसदों और ओस्लो के पीस रिसर्च संस्थान (PRIO) ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद ज़ुबैर को नोबेल पुरस्कार के लिए पसंदीदा लोगों में शामिल किया है।

Nobel Peace Prize 2022 की रेस में 343 उम्मीदवार बताए जा रहे हैं, इनमें से 251 व्यक्ति और 92 संस्थान हैं। यह पूरी जानकारी रॉयटर्स के एक सर्वे और नार्वे की एक संस्था PRIO की सूची से सामने आयी है। नोबेल कमिटी कभी भी पुरस्कार मिलने से पहले नामांकितों का नाम सार्वजनिक नहीं करती। नामांकितों की जानकारी मीडिया के पास भी नहीं होती, ना ही खुद उम्मीदवारों को अपने नॉमिनेशन की जानकारी होती है। नोबल कमिटी को भेजा गया नाम पचास साल बाद ही पता चलता है।

जेल गए थे जुबैर

इसी साल जून में मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक के ट्वीट को भड़काऊ और दो धर्मों के बीच नफरत भड़काने वाला बताया था। जुबैर को एक महीने तक दिल्ले के तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। इस दौरान दुनिया भर में जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा हुई थी।

नोबेल पीस प्राइज कैसे मिलता है?

शांति के लिए मिलने वाला नोबेल पुरस्कर नोबेल द्वारा स्थापित छह पुरस्कारों में से एक है। अन्य पांच पुरस्कार साहित्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा और आर्थिकशास्त्र में योगदान देने वालों दिया जाता है।

नोबेल पीस प्राइज के विजेता का चयन नॉर्वेइयन नोबेल कमेटी करती है। कमेटी में पांच सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति नॉर्वे की संसद करती है। शांति के क्षेत्र में अपने काम से “मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ” देने वाले को ही नोबेल पीस प्राइज मिलता है। नोबेल पुरस्कार के विजेताओं को मेडल के साथ-साथ 10,00,000 स्वीडिश क्रोना (लगभग 7.3 करोड़ रुपए) भी दिया जाता है।