अलेप्पो में रूस समर्थित असद सरकार के हमले के बीच वहां से भागने वाले हजारों सीरियाई नागरिक शनिवार को तुर्की की सीमा पर ठंड और बारिश से जूझ रहे हैं। सीरिया के दूसरे सबसे प्रमुख शहर में एक नयी मानवीय आपदा का खतरा पैदा हो गया है। सरकारी बलों के विद्रोहियों के खिलाफ इस हफ्ते कार्रवाई शुरू करने के साथ हजारों नागरिकों ने भीषण संघर्ष से बचते हुए पलायन किया है। शनिवार सुबह सीरिया से लगा तुर्की का ओंक्यूपिनार सीमा चौराहा बंद रहा। तुर्की के अधिकारियों ने कहा कि वे नये शरणार्थियों को पनाह देने के लिए वर्तमान शिविरों में जगह बना रहे हैं। टर्किश रेड क्रेसेंट के प्रमुख अहमद लुत्फी अकर ने कहा, ‘‘हमारी टीमें उन्हें पहुंचने के साथ ही भोजन-पानी उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।’’
सीरियन आब्जर्वेटरी फोर ह्यूमन राइट्स के अनुसार सरकारी बलों के हमले के कारण करीब 40,000 नागरिक अपने घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं। ऑब्जर्वेटरी के निदेशक रमी अब्देल रहमान ने कहा, ‘‘विस्थापितों की स्थिति दुखद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘परिवार बाहर ठंड में मैदानों में और तंबुओं में सो रहे हैं और कोई अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन उनकी मदद के लिए वहां नहीं है। वे खुद एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।’’
इसी बीच यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को तुर्की को शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खुली रखने के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों की याद दिलायी। यूरोपीय संघ के एन्लार्जमेंट एंड रीजनल पॉलिसी कमीशनर जोहानिस हान ने कहा, ‘‘जिनीवा संधि अब भी वैध है जिसका कहना है कि आपको शरणार्थियों को प्रवेश देना पड़ेगा।’’
मानवीय मामलों के समन्वय से जुड़े संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने शुक्रवार को तुर्की की सीमा के पास 20,000 तक सीरियाई नागरिकों के जमा होने का’’ अनुमान लगाया था।