पाकिस्तान ने पूर्व सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी के अपहृत बेटे के बदले में पाकिस्तान ने अल कायदा प्रमुख ऐमन अल-जवाहिरी की दो बेटियों और एक महिला को छोड़ा गया था। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा करते हुए देश के इतने अंदर तक आतंकी संगठन की पहुंच पर रोशनी डाली गई है। अल कायदा से संबंधित पत्रिका अल मस्रा के 20वें संस्करण पर आधारित फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसिज की एक परियोजना ‘द लॉन्ग वार जर्नल’ ने कहा कि कैदियों की अदला बदली एक हफ्ते पहले हुई।
बहरहाल, खबर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है क्योंकि कयानी के बेटे को अगवा किए जाने की कोई रिपोर्ट नहीं हैं, जिनका रिपोर्ट में नाम नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि अगर जिहादी संगठन सिर्फ शेखी बघार रहा है तो इस पर ध्यान देने जरूरत नहीं है। लेकिन अगर कल कायदा ने कयानी के बेटे को अगवा किया था और पाकिस्तानी सरकार को मजबूर किया तो यह जवाहिरी के लोगों की पाकिस्तान में अंदर तक परेशान करने वाली पहुंच का संकेत देता है।
रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेवानिवृत्त कयानी पाकिस्तानी सेना और खुफिया प्रतिष्ठान की सबसे ताकतवार शख्सियतों में से एक हैं जिसने अल कायदा से संबद्ध तालिबान सहित जिहादियों को लंबे अरसे तक प्रायोजित किया। इसमें कहा गया है कि अल मस्रा पत्रिका ने पहले पन्ने पर लिखा है ‘पाकिस्तानी सैन्य कमांडर के बेटे की वजह से हुई रिहाई’।
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बता दें, इसके संकेत पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी के इंटरव्यू में भी देखने को मिले थे। मई 2016 में हैदर को तीन साल बाद रिहा किया गया था। उन्होंने डॉन अखबार को इंटरव्यू देते हुए बताया था कि उन्हें अयमान अल जवाहरी के परिवार की कुछ महिलाओं के हिराई के लिए किडनेप किया गया था।
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