फ्रांस में ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन के नये दौर के दौरान प्रदर्शनकारियों की दंगारोधी पुलिस से झड़प हो गयी और 1700 से अधिक लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने रविवार को यह खबर दी। फ्रांस के युवा देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। मैक्रों के विरुद्ध देशव्यापी प्रदर्शन पिछले चार सप्ताह से हो रहा है। शनिवार और रविवार को मार्सिले, बोर्डोक्स और टौलाउज समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। गृह मंत्रालय के अनुसार अबतक 1723 लोग पकड़े गये। पेरिस में पुलिस ने बताया कि उसने शनिवार को 1082 लोगों को गिरफ्तार किया जो पिछले दौर के दौरान गिरफ्तार 412 लोगों से काफी अधिक है।

गृह मंत्रालय के अनुसार शनिवार को प्रदर्शन में करीब 136,000 लोगों ने हिस्सा लिया। एक दिसंबर को भी प्रदर्शन में करीब इतने लोग पहुंचे थे। पेरिस में प्रदर्शन बड़ा हिंसक रहा। प्रदर्शनकारियों ने कारों और अवरोधकों में आग लगा दी तथा शीशे तोड़ दिये। शहर प्रशासन के अनुसार येलो वेस्ट ने अब एक दिसंबर की तुलना में बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। इन प्रदर्शनों के केंद्र में राष्ट्रपति हैं और संभावना है कि वह आने वाले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर सकते हैं। प्रदर्शनकारी ‘‘मैक्रों इस्तीफा दो’’ के नारे लगा रहे थे ।

एक दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान 1,201 नागरिकों और 284 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। फ्रांसीसी अधिकारियों ने 89,000 पुलिस और सशस्त्र जवान तैनात किए हैं। वहीं, पिछले सप्ताह पुलिस बल की संख्या 65,000 थी। 8,000 पुलिस बल केवल राजधानी में तैनात किए गए हैं। पुलिस बल को किसी भी हिंसक स्थिति को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले और एक दर्जन बख्तरबंद कारों का इस्तेमाल किया गया है।

सोशल मीडिया पर ‘येलो वेस्ट’ नामक आंदोलन तेल पर बढ़ते करों के खिलाफ विरोध के तौर पर शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों द्वारा पीली जैकेट पहनने के कारण इस आंदोलन का नाम ‘यलो वेस्ट’ पड़ा है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोग मैक्रों के इस्तीफे के साथ पेंशन और शिक्षा पर सरकारी खर्च में वृद्धि, करों में कमी, बुनियादी ढांचे में सुधार, अप्रवासन में कटौती और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।