उत्‍तर कोरिया ने रविवार सुबह लॉन्ग रेंज रॉकेट लॉन्‍च किया, जिसे अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया ने मिसाइल टेस्‍ट बताया। उत्‍तर कोरिया के इस परीक्षण से संयुक्‍त राष्‍ट्र इतना घबरा गया कि उसने तत्‍काल सुरक्षा परिषद की बैठक बुला ली, लेकिन परेशानी सिर्फ इतनी नहीं है। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि 2016 के पहले ही महीने में हाइड्रोजन परीक्षण करने वाला उत्‍तर कोरिया जल्‍द ही परमाणु परीक्षण भी कर सकता है। Russia today (rt.com) ने Yonhap News Agency के हवाले से यह खबर दी है।

दूसरी ओर उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण की बात से इनकार कर रहा है। वह इसे ‘अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च’ बता रहा है। उसने कथित रॉकेट लॉन्‍च ‘क्वांगम्योंग’ 4 को सफल बताते हुए कहा कि उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्‍तर कोरिया ने अपने लिए इसे बड़ा मौका बताया है। दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर इसे परीक्षण बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण बताया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा, ‘यह कदम उकसाने वाला है। यह कोरिया रीजन ही नहीं, बल्कि यूनाइटेड स्टेट की सिक्युरिटी के लिए खतरा है।’ अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर सुजैन ई राइस ने कहा, ‘यह पूरी तरह से सिक्युरिटी काउंसिल के नियमों का उल्लंघन है।’

स्टेट टीवी ब्रॉडकास्ट पर अनाउंसर ने कहा, ‘किम जोंग उन के ऑर्डर पर नॉर्थ कोरिया ने ऑब्जर्वर लॉन्च किया। नॉर्थ कोरिया को हक है कि वह शांति से अपनी आजादी बनाए रखे। इससे नेशनल डिफेंस कैपेबिलिटी को मजबूती मिलेगी।’ दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका ने उत्‍तर कोरिया को चेतावनी दी थी कि वह यह कथित मिसाइल परीक्षण न करे।

कुछ महीने पहले उत्‍तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल के दो वर्जन दिखाए थे। बताया जाता है कि इनमें से एक मिसाइल जापान और साउथ कोरिया ही नहीं, बल्कि अमेरिका के वेस्ट कोस्ट तक अटैक कर सकती है। हालांकि, नॉर्थ कोरिया ने इसे अभी तक मिसाइल टेस्ट नहीं माना है।

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