गिलगित और बलूचिस्‍तान के बाद अब पाकिस्‍तान के सिंध प्रदेश में भी आजादी के नारे लगे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सिंधुदेश की मांग की। इस मांग को लेकर सोमवार को लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने ‘सिंध मांगे आजादी-आजादी’ और ‘सिंधुदेश-सिंधुदेश’ जैसे नारे लगाए। इस प्रदर्शन में सैंकड़ों लोग शामिल थे। बता दें कि पाकिस्‍तान में इसी तरह के प्रदर्शन गिलगित-बाल्टिस्‍तान, बलूचिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर में भी हो रहे हैं। बलूचिस्‍तान के समर्थन में तो विदेशों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं और रैलियां निकाली जा रही है। रैली के दौरान ‘हम चाहते आजादी, बलूचिस्‍तान को आजाद करो, बलूचिस्‍तान जिंदाबाद और मोदी आगे बढ़ो’ जैसे नारे लगाए गए।

पाक अधिकृत कश्‍मीर और बलूचिस्‍तान में मानवाधिकार उल्‍लंघनों परअमेरिका भी चिंता जता चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त को लालकिले से दिए भाषण में पीओके, गिलगित और बलूचिस्‍तान का जिक्र किया था। पीएम मोदी के बयान को कई बलूच नेताओं ने समर्थन दिया है। उनके समर्थन में शनिवार को जर्मनी में रैली निकाली गई। खबर है कि इसी तरह की एक रैली चीन दूतावास के सामने भी निकाली गई। बलूचिस्‍तान के मारे गए राष्‍ट्रवादी नेता अकबर बुगती के पोते ब्रहमदग बुगती का कहना है कि भारत एक जिम्‍मेदार पड़ोसी की भूमिका निभाते हुए बलूचिस्‍तान में दखल दें और नरसंहार रुकवाए। पूर्वी पाकिस्‍तान में भारत की भूमिका को आदर से देखा जाता है। चाहते हैं कि भारत ऐसा ही कदम बलूचिस्‍तान के लिए भी उठाए।

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