अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही वहां लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसी बीच यह खबर सामने आई है कि तालिबानियों ने अपने मुखर विरोधी व अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह की हत्या कर दी है। कहा जा रहा है कि तालिबानियों ने रोहुल्लाह सालेह के हाथ पैर बांध कर और उन्हें नग्न कर कोड़ों से पीटा। इसके बाद गला रेत कर उनको गोलियों से भून दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को पंजशीर इलाके में तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसी बीच रोहुल्लाह सालेह काबुल जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी तालिबानियों ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद तालिबानियों ने उन्हें नग्न कर कोड़ों से पीटा और उनका गला रेत दिया। इतना ही नहीं गला रेतने के बाद भी तालिबानी लड़ाकों ने उनको गोलियों से भून दिया। जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। हालांकि अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है ना ही पूर्व उपराष्ट्रपति ने इसको लेकर कोई बयान दिया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि तालिबानी लड़ाके ने उस जगह का एक वीडियो भी जारी किया है जहां से कुछ दिन पहले अमरुल्लाह सालेह ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा था कि वह अभी भी पंजशीर में था। कहा यह भी जा रहा है कि तालिबान ने उस जगह पर भी कब्जा कर लिया है जहां अमरुल्लाह सालेह रह रहे थे। हालांकि जनसत्ता ऑनलाइन इन दावों की पुष्टि नहीं करता है।
बता दें कि तालिबान ने पिछले दिनों पंजशीर पर भी कब्जा कर लेने का दावा किया था। सिर्फ यही प्रांत रह गया था जिस पर नियंत्रण के लिए पिछले कई दिनों से तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (एनआरएफए) के लड़ाकों में भीषण जंग चल रही थी। एनआरएफए की अगुआई अहमद मसूद के हाथ में हैं। हालांकि नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने इन दावों को गलत बताया था।
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से विदेशी पत्रकार भी निकलने शुरू हो गए हैं। जर्मन अंतरराष्ट्रीय प्रसारण कंपनी ‘ड्यूश वेल’ (डीडब्ल्यू) ने कहा है कि उसके 10 संवाददाता अफगानिस्तान छोड़कर पाकिस्तान की ओर रवाना हो गए हैं। इससे पहले कंपनी अपने संवाददाताओं को हवाई मार्ग से काबुल से बाहर निकालने असफल रही थी। ड्यूश वेल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एक महिला संवाददाता समेत उसके पत्रकार बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान से निकलने में सफल रहे। कंपनी की ओर से यह नहीं बताया गया कि संवाददाता कैसे निकले लेकिन यह स्पष्ट किया गया कि बहुत से कारणों की वजह से हवाई मार्ग से उन्हें निकालना संभव नहीं हो सका था।पत्रकारों का समूह कई दिन तक काबुल हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहा था।(एपी इनपुट्स के साथ)
