अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत में रविवार (एक जुलाई) को आत्मघाती हमला हो गया। बम विस्फोट में तकरीबन 12 लोगों की मौत की खबर आ रही है। स्थानीय अधिकारी के हवाले से एपी की रिपोर्ट में बताया गया कि मरने वालों में सिख और हिंदू भी शामिल हैं। हालांकि, अभी तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, जलालाबाद शहर में हुए आत्मघाती बम विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। चश्मदीदों और सरकारी अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के बाद हर जगह धुआं ही छा गया और अफरा-तफरी के मारे लोग इधर-उधर भागने लगे थे।

गर्वनर के प्रवक्ता अतुल्लाह खोग्यानी ने बताया कि विस्फोट के कारण मुखाबेरात चौक पर स्थित दुकानों और इमारतों को नुकसान पहुंचा। राष्ट्रपति अशरफ घनी ने कुछ घंटों पहले यहीं पर आकर एक अस्पताल का शिलान्यास किया था। पीड़ितों में सबसे अधिक सिख शामिल हैं।

अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति के दौरे को लेकर शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी। सड़कें ब्लॉक थीं। रूट डायवर्ट किए गए थे। अगर उस वक्त राष्ट्रपति का दौरा न होता, तो शायद मरने वालों और घायलों की संख्या अधिक हो सकती थी। आपको बता दें कि कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) बीते कुछ सालों में इस प्रांत में हमलों को अंजाम दे चुके हैं। मगर अभी तक उन्होंने इस ताजा आत्मघाती हमले के मामले में जिम्मेदारी नहीं ली है।

स्थानीय मीडिया की मानें तो आत्मघाती बम विस्फोट के फौरन बाद घटनास्थल पर सुरक्षाबलों को हालत संभालने के लिए भेजा गया था। पीछे-पीछे एंबुलेंस भी आईं, जिनके जरिए घायलों को नजदीक के अस्पताल ले जाया गया था। देश में अल्पसंख्यक हिंदू और सिख दशकों से भेदभाव और अत्याचार झेलने पर मजबूर हैं। यही वजह है कि इनकी संख्या महज 1000 के आस-पास बची है। कुख्यात आतंकी संगठन आईएस इससे पहले भी उन्हें अपना निशाना बना चुका है।