Bangladesh Jet Crash: बांग्लादेश एयरफोर्स का एक विमान सोमवार को हादसे का शिकार हो गया। इसमें पायलट समेत 31 लोगों की मौत हो गई और 170 से ज्यादा लोग घायल हो गए। माइलस्टोन स्कूल में हुए विमान हादसे की खबर सुनकर सभी परिजनों में दहशत फैल गई। एक मां ने अपने निस्वार्थ प्रेम का परिचय देते हुए अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश में अपनी जान गवां दी।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के स्कूल बिल्डिंग से टकराने के बाद जब आग की लपटें स्कूल की इमारत में फैल गईं, तो यह खबर सुनकर राजोनी को बहुत बुरा लगा। उसकी बेटी भी उसी स्कूल में पढ़ती थी। राजोनी एक दम घबरा गई और बिना किसी हिचकिचाहट के साथ दौड़ती हुई घटनास्थल पर जा पहुंची। उसको ऐसा लगा कि उसकी बच्ची क्लास में अभी भी फंसी हुई है। वह अपनी बेटी को बचाने के लिए इमारत की तरफ भागी। हालांकि, वह इस बात से अनजान थी कि उसको बेटी को पहले ही सेफ निकाल लिया गया है।
स्कूल की बिल्डिंग पर गिरा बांंग्लादेश एयरफोर्स का विमान
नहीं बच सकी राजोनी की जान
राजोनी इस आग में झुलस गई और उसे ढाका के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। राजोनी के पति जहीरुल इस्लाम सदीपुर गांव के रहने वाले हैं और अपनी तीन बच्चों के साथ ढाका में रहते हैं। राजोनी की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में दुख की लहर दौड़ पड़ी। उसके पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए पैतृक गांव लाया गया।
बांग्लादेश विमान हादसे में कितने लोगों की जान गई?
माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज में एयरफोर्स के विमान हादसे में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 31 हो गई। मरने वालों में से 16 की मौत आर्मी हॉस्पिटल में, 10 की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में, दो की लुबाना जनरल अस्पताल में, व एक-एक की ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल, उत्तरा आधुनिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल और यूनाइटेड अस्पताल में हुई। ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश वायु सेना ने 1992 से लड़ाकू जेट और ट्रेनिंग विमानों से संबंधित 27 दुर्घटनाएं दर्ज की हैं। यह काफी चौंकाने वाला आकंड़ा हैं और लगातार सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े करता है। बांग्लादेश प्लेन क्रैश का भयावह मंजर याद कर सिहर गई टीचर