लड़ाई के खतरों के बीच, सामूहिक अत्याचार के जोखिम के कारण जनवरी में दक्षिणी सूडान के 52,000 से ज्यादा लोग युगांडा भाग गये। नरसंहार रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार अदामा डिऐंग ने मंगलवार (7 फरवरी) को बताया कि विस्थापित लोगों में प्रमुख रूप से सेंट्रल इक्विाटोरिया राज्य की राजधानी जुबा के दक्षिणी कस्बों के नागरिक शामिल हैं। इन लोगों ने मारे गये नागरिकों, वे लोग जिनके घर तबाह हो गए और यौन हिंसा के पीड़ितों के बारे में भी बताया है। विशेष सलाहकार ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति सल्वा किर ने हिंसा खत्म करने और शांति स्थापित करने की प्रतिबद्धता जतायी है, लेकिन फिर भी हम देखेंगे कि संघर्ष जारी हैं और बड़े पैमाने पर अत्याचारों का जोखिम भी बना हुआ है।’
डिऐंग ने कहा कि वह विशेष रूप से काजो-केजी की स्थिति पर चिंतित थे, जहां से भाग कर आये नागरिकों ने बड़े पैमाने पर हिंसा का डर जताया था। हालांकि कई बार देरी करने के बाद रविवार (5 फरवरी) को संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के सदस्य स्थिति की रपट के लिए काजो-केजी पहुंच गये थे। उल्लेखनीय है कि 2011 में सूडान से अलग होने के बाद दक्षिणी सूडान में दिसंबर 2013 को संघर्ष शुरू हो गया था, जिसमें दसियों हजार लोगों की मौत हो गयी थी और 30 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गये थे।

