अफ्रीकी महाद्वीप के आठ देशों से चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो इस साल 45 करोड़ अफ्रीकियों पर स्पाइनल मेनिन्जाइटिस का खतरा है। यह बीमारी 24 घंटे में किसी की जान जा सकती है। पश्चिम एवं मध्य अफ्रीका के डॉक्टरों ने बताया कि मेनिंजोकोक्कल मेनिन्जाइटिस बीमारी एक वैश्विक समस्या है जिससे हर साल 12 लाख लोग प्रभावित होते हैं और इनमें से 1,35,000 लोगों की इससे मौत हो जाती है।

डॉक्टरों ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सेनेगल से लेकर इथियोपिया तक फैले तथाकथित ‘‘अफ्रीकी मेनिन्जाइटिस बेल्ट’’ में आने वाले करीब 45 करोड़ की आबादी वाले 26 देशों में रहने वाले लोग इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करने वाली फार्मास्युटिकल के क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी की एक चिकित्सक डॉ. एलिया जिलबरनायर ने कहा, ‘‘मेनिन्जाइटिस अभी भी एक समस्या है, निश्चित रूप से हमें इस बीमारी पर रोकथाम के लिए काम करना होगा।’’

माली के प्रोफेसर एम. के. मारूफ ने इस बीमारी पर लगाम लगाने में मदद के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम का आह्वान किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन न दिसंबर में ही अफ्रीका में खासकर नाइजर एवं नाइजीरिया में इस साल मेनिन्जाइटिस महामारी को लेकर चेतावनी दी थी। 2015 में नाइजर एवं नाइजीरिया दोनों देश मेनिन्जाइटिस से बुरी तरह प्रभावित हुए थे।