खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए धन इकट्ठा करने और बांग्लादेश में सरकार को सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने के मामले में सिंगापुर में चार बांग्लादेशी नागरिकों को पांच वर्ष तक की जेल की सजा मंगलवार को सुनाई गई।
इनके नेता रहमान मिजानुर को पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई। सोहेल हवलदार और इस्माइल हवलदार को दो साल कारावास की सजा सुनाई गई जबकि मिया रच्च्बेल और मोहम्मद जबात कैसर हाजी नुरूल इस्लाम सौदागर को 2.5-2.5 साल कारावास की सजा सुनाई गई।
उनके खिलाफ बांग्लादेश में आतंकवादी गतिविधियों की वित्तीय मदद करने के लिए धन इकट्ठा करने या धन मुहैया कराने का पूर्व में आरोप लगाया गया था। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि आरोपियों ने जन अशांति पैदा की है और वे इस्लामिक स्टेट के एक आतंकवादी समूह की वित्तीय मदद कर रहे थे। ये चारों लोग उन छह लोगों के समूह का हिस्सा थे जिन्हें आतंकवाद (वित्त पोषण शमन) कानून (टीएसओएफए) के तहत आरोपी बनाया गया था। अभियोग के लिए पहली बार इस कानून का उपयोग किया गया है।
दो अन्य आरोपियों जमां दौलत और मामून लियाकत अली ने आरोपों को खारिज कर दिया है और वे सुनवाई का दावा पेश कर रहे हैं। अदालती दस्तावेजों के अनुसार इन लोगों की स्पष्ट रूप से निर्धारित भूमिकाएं थीं। उनका नेतृत्व रहमान ने किया और मामून समूह का उप नेता था। मिया समूह की वित्तीय परिषद में था और जबात ने समूह के मीडिया संबंधी मामलों को संभाला। जमां एवं सोहेल समूह की सुरक्षा और लड़ाकू परिषदों में थे। मिया और जबात पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने का आरोप है।
अदालत के दस्तावेजों में बताया गया है कि जबात के पास 1,360 डॉलर थे जिनमें से 1060 डॉलर उसे पिछले महीने मिया ने दिए थे। छह लोगों ने आतंकवादी गतिविधियों में मदद के लिए 60 से 500 डॉलर तक का योगदान दिया था। ‘स्ट्रेट टाइम्स’ के अनुसार वे बांग्लादेश में सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रच रहे थे। उनका लक्ष्य बांग्लादेश में इस्लामिक स्टेट को स्थापित करना और इसे इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के स्वघोषित खलीफा के तहत लाना है।
ये छह लोग इस साल मार्च के आखिर में और अप्रैल की शुरूआत के बीच गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में शामिल हैं। बांग्लादेश में हाल में कई आतंवादी हमले हुए हैं। आतंकवादियों ने धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों, समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं और हिंदु, ईसाई, मुस्लिम सूफी एवं शिया समेत अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों को निशाना बनाया है। हाल में ढाका में एक लोकप्रिय रेस्तरां पर बंदूकधारियों के हमले में 22 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर लोग इटली, जापान, भारत एवं अमेरिका के नागरिक थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।