Ahmadi Community People Arrested in Pakistan: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के 23 सदस्यों को शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए गिरफ्तार किया गया। यह उनके लिए पाकिस्तान में कानूनी तौर पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पुलिस को जानकारी मिली कि 27 अहमदिया लोग लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर सियालकोट के दस्का में अपने पूजा स्थल पर जुमे की नमाज अदा कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारी मुहम्मद तंजील ने शनिवार को पीटीआई को बताया कि अहमदी प्रार्थना कराने वाले नेता अरशद साही शुक्रवार को धर्मोपदेश दे रहे थे और इस्लामी आयतें पढ़ रहे थे तथा अन्य अहमदिया उन्हें सुन रहे थे। तंजील ने कहा, ‘स्थानीय मुसलमानों की भावनाएं आहत होने के कारण पुलिस ने उन 27 अहमदिया लोगों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298 सी के तहत एफआईआर दर्ज की।’ इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उनमें से 23 को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पाकिस्तानी संसद ने इस समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया

धारा 298C उन अहमदिया लोगों को अपराधी बनाती है जो खुद को मुस्लिम कहते हैं। हालांकि, अहमदिया लोग खुद को मुसलमान मानते हैं, लेकिन 1974 में पाकिस्तान की संसद ने इस समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया। एक दशक बाद उन्हें न केवल खुद को मुसलमान कहने पर बैन लगा दिया गया, बल्कि इस्लाम के कुछ पहलुओं का पालन करने पर भी रोक लगा दी गई।

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले लड़के के चाचा का दावा

जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने निर्दोष अहमदिया पुरुषों और बच्चों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की। इसमें कहा गया, ‘अहमदियों का एक ग्रुप दासका में निजी परिसर में नियमित रूप से पूजा के लिए इकट्ठा हुआ था। कुछ ही देर बाद, धार्मिक चरमपंथी बाहर इकट्ठा हो गए और भड़काऊ नारे लगाने लगे।’ अहमदिया समुदाय के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के पीछे कथित तौर पर कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का हाथ है। जवाब में अहमदियों ने पुलिस को बुलाया। लेकिन, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय, पुलिस ने 11 और 14 साल के बच्चों समेत 23 अहमदियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें सिटी पुलिस स्टेशन दस्का में भेज दिया। पाकिस्तान में जुमे की नमाज के दौरान मदरसे में जोरदार धमाका