साल 1912 में समुद्र में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए गई टाइटन पनडुब्बी पर सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है। रविवार को ये लोग कनाडा के तट से समुद्र के सफर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन दो घंटे बाद ही इनका कनेक्शन टूट गया और गुरुवार को पनडुब्बी को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशन ने पायलट समेत पांचों की मौत की पुष्टि की। इस पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश-पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद भी सवार थे, जो अपने बेटे सुलेमान को भी साथ लेकर गए थे। सुलेमान समुद्र के सफर पर जाने के लिए तैयार नहीं थे और वे डरे हुए थे।
एनबीसी ने सुलेमान की बुआ अजमेह दाऊद के हवाले से बताया कि सुलेमान की उम्र 19 साल थी और वह इसके लिए तैयार नहीं थे। अजमेह ने कहा कि मुझे लग रहा है कि उसे वहां सांस लेने में दिक्कत हुई होगी, जिसकी वजह से ऐसा हुआ। अजमेह ने कहा कि जब टाइटन लापता हुआ तो, उन्हें इस बात का अंदेशा था कि सुलेमान की मौत हो गई। वह इस पर बेहद दुखी हैं और उन्होंने कहा कि अभी भी वह इस हादसे पर विश्वास नहीं कर पा रही हैं और उन्हें ये सब अवास्तिवक लग रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सुलेमान पनडुब्बी पर जाना नहीं चाहते थे, लेकिन वह फादर्स डे पर अपने पिता को खुश करना चाहते थे इसलिए वह पनडुब्बी पर गए।
अजमेह दाऊद और शहजादा दाऊद पाकिस्तान के सबसे प्रमुख कॉर्पोरेट राजवंशों में से एक के वंशज हैं। एनबीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके परिवार के नाम वाले व्यापारिक साम्राज्य दाऊद हरक्यूलिस कॉर्प ने कृषि, स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य उद्योगों में निवेश किया है। सुलेमान और शहजादा दाऊद के अलावा, पनडुब्बी पर ओशनगेट के सीईओ और टाइटन के पायलट स्टॉकटन रश, ब्रिटिश बिजनेसमैन हमीश हर्डिंग और फ्रांसीसी नागरिक पॉल हेनरी भी सवार थे।
हॉलीवुड फिल्म ‘टाइटैनिक’के निर्माता जेम्स कैमरून ने कहा कि वह 1912 में इस ऐतिहासिक जहाज के डूबने की घटना और हाल में इसका मलबा देखने के लिए एक पनडुब्बी पर सवार होकर गए यात्रियों की मौत के बीच समानताओं से हैरान हैं। टाइटैनिक जहाज की आपदा को लेकर इसी नाम से 1997 में फिल्म बनाई गई थी। कैमरून ने कहा कि समुद्र संबंधी इंजीनियरिंग समुदाय के कई सदस्य इस पनडुब्बी को लेकर चिंतित थे। उन्होंने एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि समुदाय के कई शीर्ष सदस्यों ने कंपनी को पत्र भी लिखा था कि वे जो कर रहे हैं वह यात्रियों को ले जाने के लिए काफी प्रयोगात्मक है और इसे प्रमाणित किए जाने की आवश्यकता है।