एमसीडी चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन से हताश-निराश आम आदमी पार्टी के संयोजक अरिविंद केजरीवाल ने बुधवार (26 अप्रैल) सुबह अपने घर पर आपात बैठक की। इस बैठक में उनके साथ संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय आदि बड़े नेता शामिल हुए। बैठक में सभी ने एमसीडी चुनाव में आप की हार पर मंथन किया। इस ”मस्तिष्क मंथन” से जो अमृत निकला उसका बखान करते हुए केजरीवाल ने अपने नेताओं को समझाया कि जब आप बाहर निकलें तो मीडिया को हार का एक ही कारण बताएं- ईवीएम। गोपाल राय ने कुछ बोलने की कोशिश की तो केजरीवाल ने उन्हें चुप रहने का इशारा करते हुए आदेश दिया- मंथन से जो निकला है, वह बोलने की कहीं जरूरत नहीं है। बैठक में केजरीवाल ने फैसला किया कि वह मीडिया के सामने नहीं जाएंगे और पूरे दिन मंथन करते रहेंगे। केजरीवाल का फरमान सुन कर ”ईवीएम में गड़बड़ी” का इकलौता हथियार लेकर गोपाल राय और आशुतोष मीडिया के सवालों का सामना करने निकल पड़े।
बैठक में शामिल एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केजरीवाल के साथ बैठक में सारे नेता गुस्सा थे। एक नेता ने ”आत्ममंथन” कर निष्कर्ष बताया कि पार्टी की वादाखिलाफी, समस्या दूर करने में नाकामी, नेताओं का शुरुआत मेें घोषित सिद्धांतों से भटक जाना जैसे कारणों के चलते जनता ने ईवीएम में झाड़ू का बटन दबाया ही नहीं। केजरीवाल ने उनकी यह बात सुन कहा कि आपको मीडिया को बताना है कि ईवीएम में झाड़ू का बटन दबा ही नहीं। केजरीवाल ने कहा- भाजपा और ईवीएम मिले हुए हैं। हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे और जब तक ईवीएम का इस्तेमाल बंद नहीं करा लेंगे, तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे।
केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव के अंतिम नतीजे आ जाने के बाद पार्टी की एक और आपात बैठक बुलाई है। इसमें ईवीएम के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। इस आंदोलन से अन्ना हजारे को जोड़ने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं, क्योंकि केजरीवाल को डर है कि अन्ना को जोड़े बिना आंदोलन सफल नहीं होगा। आपात बैठक से पहले केजरीवाल ने अन्ना हजारे को राजी करने के लिए ठोस सूत्र तलाशने का काम शुरू कर दिया है। केजरीवाल जानते हैं कि उनके कहने से अन्ना राजी नहीं होंगे, इसलिए उन्हें किसी ऐसे शख्स की तलाश है जो उन्हें मना सके।
(यह खबर आपको हंसने-हंसाने के लिए कोरी कल्पना के आधार पर लिखी गई है। इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसी अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें )