पिछले कुछ दिनों से देश की राजनीति में हिंदुओं के भगवान हनुमान जी को लेकर कई नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। यूपी के सीएम और भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले राजस्थान में एक रैली के दौरान कहा हनुमान जी को दलित बताया था। उनके इस बयान के बाद प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई थी। अभी कुछ ही दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी के ही एक एमलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को लेकर कह दिया कि  ‘जहां तक बात होती है जात-धर्म पर बांटने की तो हम आपको बता दें कि हनुमान जी पूरे विश्व के थे। हर धर्म के थे, हर मजहब के थे और हर धर्म को प्यारे थे और जहां तक हमारा मानना है हनुमान जी मुसलमान थे। इसीलिए हमारे यहां जो मुसलमानों के अंदर नाम रखा जाता है – रहमान, रमजान, फरमान, दिलशान, कुर्बान, जितने भी नाम रखे जाते हैं करीब-करीब हनुमान जी के नाम से मिलता-जुलता ही ऱखा जाता है।’

बुक्कल नवाब से पहले एक चैनल पर डिबेट शो के दौरान भाजपा के तेज तर्रार प्रवक्ता संबित पात्रा ने AIMIM के प्रवक्ता सैयद असिम वकार को कहा था कि ‘अल्लाह के भक्त हो तो बैठ जाओ वरना किसी मस्जिद का नाम, भगवान विष्णु के नाम पर रख दूंगा।’ देश की राजनीति में भगवान को लेकर चल रही अलग-अलग बहस को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आने लगी है। तरह-तरह की बातें सोशल मीडिया पर भी कही जा रही हैं।

यहां आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्षमी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में हनुमान को जाट बताया है।

उन्होंने कहा कि ‘जो दूसरों की दिक्कत में कूद पड़ते हैं, वह जाट हो सकता है…इसलिए हनुमान जाट थे।’ उनके इस बयान पर सदन में हंगामा भी हुआ है।