हिंदू संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसके इस्तेमाल से हर तरह की समस्या टल जाती है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष का महत्व और इसके इस्तेमाल की सावधानियां-
रुद्राक्ष का महत्व- यह एक फल की गुठली है। इसका विशेष औषधीय और आध्यात्मिक महत्व है। मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुआ था। रुद्राक्ष को पहनने या विशेष प्रयोग करने से विशेष फल मिलता है। रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से रक्षा करता है। कुल मिलाकर एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष पाए जाते हैं। इसके अलावा गौरी-शंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाया जाता है।
रुद्राक्ष धारण करने की सावधानियां- रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में धारण करें। पूर्णिमा, अमावस्या या किसी सोमवार को रुद्राक्ष धारण करना उत्तम होता है। 1, 27, 54 या 108 की संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन ना करें। रुद्राक्ष धातु के साथ धारण करना उत्तम होता है। तांबे के साथ रुद्राक्ष को धारण करने से चमत्कारी फायदे मिलते हैं। दूसरे की पहनी हुई रुद्राक्ष की माला ना पहनें।
रुद्राक्ष के प्रकार –
एकमुखी रुद्राक्ष – इस रुद्राक्ष से सभी प्रकार के सुख, उन्नति और मोक्ष प्रदान करता है। अशुभ फलों से यह रुद्राक्ष मुक्ती दिलाता है।
दोमुखी रुद्राक्ष – इसे धारण करने से मान-सम्मान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई तरह के रोग-बीमारियों को भी यह रुद्राक्ष दूर भगाता है। दांपत्य जीवन में सुख-शांति और तेज प्रदान करता है।
तीनमुखी रुद्राक्ष – विद्या पाने के लिए इसे धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
चारमुखी रुद्राक्ष – यह रुद्राक्ष धर्म, अर्थ, काम और मोोक्ष प्रदान करने वाला होता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष – अच्छी सेहत और समस्याओं के समाधान के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इससे लिवर संबंधी बीमारी भी दूर होती है।
छयमुखी रुद्राक्ष – यह रुद्राक्ष पापों से मुक्ति और संतान देने वाला होता है यह काम, क्रोध, लोभ, मोह पर नियंत्रण के लिए उत्तम होता है। इसको धारण करने से आत्मशक्ति बढ़ती है।
सातमुखी रुद्राक्ष – यह रुद्राक्ष ऐश्वर्य बढ़ाने में मदद करता है। यह मृत्यु के कष्टों से छुटकारा दिलाता है। इसको धारण करने से गरीबी दूर हो सकती है।
आठमुखी रुद्राक्ष – लंबी उम्र की कामना के लिए आठमुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम होता है। इसको पहनने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इससे जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती है।
नौमुखी रुद्राक्ष – यह रुद्राक्ष सभी इच्छाएं पूरी करता है। इसे धारण करने से वीरता, साहस, सहनशीलता और पराक्रम बढ़ता है। मृत्यु डर से मुक्त करता है।
दसमुखी रुद्राक्ष – संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के लिए यह रुद्राक्ष अति उत्तम होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। इसे धारण करने से जीवन शांत और सुंदर होता है।
ग्यारहमुखी रुद्राक्ष – इसे धारण करने से सभी काम सफल हो जाते हैं।
बाहरमुखी रुद्राक्ष – यह रुद्राक्ष सभी बाधाओं को दूर करता है। सूर्य से जुड़ी तमाम बीमारियों को दूर करन के लिए इस रुद्राक्ष को पहनें।
तेरहमुखी रुद्राक्ष – यह धन-संपत्ति, सौभाग्य और कामना पूरी करने वाला रुद्राक्ष होता है।
चौदहमुखी रुद्राक्ष – इससे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह रुद्राक्ष परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है। इसे पहनने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।